कैलिफोर्निया: America की एक अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार (Mumbai Terror Attack Perpetrators) पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी। कैलिफोर्निया की कोर्ट ने कहा कि अमेरिका की जेल में बंद 26/11 हमले में वांछित राणा को भारत भेजा जा सकता है।
भारत ने 10 जून, 2020 को प्रत्यर्पण की दृष्टि से 62 वर्षीय राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बाइडन प्रशासन (Biden Administration) ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।
16 मई को अमेरिकी अदालत ने सुनाया फैसला
US डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया (US District Court Central District of California) की मजिस्ट्रेट जज Jacqueline Chooljian ने 16 मई (मंगलवार) को 48 पेज के आदेश में कहा कि न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर एवं सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है।
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत का निष्कर्ष है कि राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिसमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। आदेश बुधवार (17 मई) को जारी किया गया।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय को प्रत्यर्पण की दी अनुमति
न्यायाधीश ने लिखा, इस तरह की समीक्षा और विचार के आधार पर और यहां किए गए चर्चा के बाद न्यायालय इन निष्कर्षों पर पहुंचा है और अमेरिकी विदेश मंत्रालय को अनुमति देता है कि राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिसमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है।
भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने को तैयार: एनआईए
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था।
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 2008 में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए 26/11 के हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रही है। एनआईए ने कि वह राणा को भारत लाने के लिए राजनयिक चैनलों के जरिये कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है।
अमेरिकी सरकार के वकीलों ने दिया ये तर्क
अदालती सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को मालूम था कि उसके बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है।
इसके बावजूद राणा ने हेडली की मदद की। राणा को इस बात की भी जानकारी थी कि हेडली हमले की योजना बना रहा है और इस तरह हेडली की सहायता करके एवं उसकी गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की।
राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का किया विरोध
दूसरी ओर, राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। मुंबई आतंकी हमलों (Terrorist Attacks) में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे। भारत और अमेरिका (India and America) के बीच प्रत्यर्पण संधि है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि राणा का भारत प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में है।
तहव्वुर राणा पर कई आरोप
न्यायाधीश ने कहा, भारत ने गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) जारी किया है और राणा पर कई अपराधों के तहत आरोप लगाया है, जिन पर अमेरिका आगे की कार्यवाही रहा है।
जिन अपराधों के तहत राणा पर आरोप लगाया गया है उनमें- (ए) युद्ध छेड़ने की साजिश, हत्या करने, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी करने, जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करने और आतंकवादी कार्य करने (बी) युद्ध छेड़ना (डी) हत्या, (ई) आतंकवादी कार्य करना और (एफ) एक आतंकवादी कार्य करने की साजिश शामिल हैं।
गौरतलब है कि इन हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी (Terrorist) जीवित पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी। शेष आतंकवादियों को हमलों के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था।