शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और सूबे के सबसे बड़े अस्पताल और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टर कोराना वैक्सीन लगवाने के दस दिन बाद कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
हालांकि, तीनों लोग किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पॉजिटिव हुए हैं। आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ रजनीश पठानिया ने इसकी पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार, कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लगाने के बाद तीन डॉक्टर पॉजिटिव निकले हैं। दस दिन बाद इनमें कोरोना के लक्षण दिखे और इस पर तीनों का कोरोना टेस्ट करवाया गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अब एहतियातन तीनों को होम आइसोलेट कर दिया गया है। वैक्सीन लगाने के बाद से तीनों डॉक्टर अस्पताल आ रहे थे। इनमें एक चिकित्सक दंपति हैं।
उन्होंने कहा ड्यूटी के दौरान तीनों डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए हैं। तीनों पॉजिटिव डॉक्टरों को होम आइसोलेट किया गया है।
वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद प़ॉजिटिव होने और वैक्सीन के बेअसर होने के सवाल पर पठानिया ने कहा कि दवा लगाने के बाद तीन से चार महीने बाद एंटीबॉडी बनती है।
तीनों डॉक्टर कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। वैक्सीन के असर या बेअसर होने का इससे कोई संबंध नहीं है।
हिमाचल में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो गया है। पहले चरण में 45 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीनेट किया गया था।
अब दूसरे चरण में 15,943 हजार के करीब फ्रंटलाइनर्स को टीका लगाया गया है। दो दिन पहले ही हिमाचल में कोरोना वैक्सीन के 1.83 लाख डोज पहुंचे हैं।
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हुई है।
कांगड़ा में 64 वर्षीय संक्रमित बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया प्रदेश में 13 और शिक्षकों समेत 37 लोगों कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
मंडी जिले में 15, कांगड़ा चार ,शिमला सात, ऊना चार, बिलासपुर पांच, सोलन और चंबा जिले में एक-एक नया मामला आया है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 58142 पहुंच गया है। सक्रिय मामले 505 हैं। अब तक 56647 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 978 की मौत हुई है।