मुंबई: अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा नहीं करना सरकारी कर्मचारियों को भारी पड़ गया है।
महाराष्ट्र की लातूर जिला परिषद ने अपने ऐसे 7 कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती कर नई मिसाल पेश की है।
परिषद ने कटौती की राशि उन कर्मचारियों के माता-पिता के खातों में जमा करा दी है।
परिषद के अध्यक्ष राहुल बोंद्रे ने बताया कि 12 कर्मियों के खिलाफ माता-पिता की उपेक्षा करने की शिकायत मिली थी और उनमें से छह कर्मी अध्यापक हैं।
कटौती की गई राशि इन कर्मियों के माता-पिता के बैंक खातों में भेज दी गई है।
पिछले साल नवंबर में लातूर जिला परिषद की महासभा ने अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले कर्मियों के वेतन में 30 फीसदी कटौती करने का एक प्रस्ताव पारित किया था।
बोंद्रे ने बताया कि दोषी कर्मियों के मासिक वेतन से कटौती दिसंबर, 2020 से की गई है। परिषद का यह फैसला आम जनता के बीच सराहनीय कदम बताया जा रहा है।