देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद तबाही के मलबे से आज चौथे दिन भी रेस्क्यू टीमों को दो शव बरामद हुए हैं।
इसके साथ ही अब तक मिलने वाले शवों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, जिनमें से 10 लोगों की शिनाख्त हो गई है। उधर, तपोवन पॉवर प्लांट की टनल में फंसे कम से कम 35 लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन दिनरात जारी है।
इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन शवों की शिनाख्त हो रही है, उनके परिवार को बिना देरी किए राहत राशि मुहैया कराई जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन से आपदा राहत कार्यों और सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने सर्च व रेस्क्यू के काम को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की कमी न हो।
जिन मृतकों की पहचान हो जाए, उनके आश्रितों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पा रही हो, उनके डीएनए रिकार्ड सुरक्षित रखे जाएं।
आपदा में मृत पुलिसकर्मियों को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
मुख्यमंत्री ने तपोवन में भीषण आपदा में मृत हेड कान्स्टेबल मनोज चौधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया को नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
बुधवार को कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया और मंगलवार को हेड कान्स्टेबल मनोज चौधरी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु का होना बहुत दुखद है।
रैणी व तपोवन क्षेत्र में भीषण त्रासदी में सभी मृतकों के प्रति संवदेना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए आपरेशन पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है।
सर्च एंड रेस्क्यू के साथ ही आपदा राहत कार्यों की उच्च स्तर से लगतार मॉनिटरिंग की जा रही है।
मंगलवार रात्रि और बुधवार को भी जारी रहा सर्च एंड रेस्क्यू आपरेशन
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के चौथे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 34 शव मिल गए हैं जबकि 170 लोग अभी लापता हैं।
पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कम्पनी के 2 व्यक्ति सुरक्षित अपने आवास पर पाए गए हैं। तपोवन मे टनल मे फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी है। यहां पर करीब 25 से 35 लोग टनल मे फंसे हैं, जिनको बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
ग्लेशियर टूटने की शुरुआती अध्ययन रिपोर्ट सरकार को भेजी
रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के निदेशक लोकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि चमोली में ग्लेशियर के फटने के एक दिन बाद हमने वहां हवाई सर्वेक्षण किया।
मंगलवार को हमारी टीम जोशीमठ गई, जहांं से सड़क का सर्वेक्षण करते हुए रैणी गांंव तक पहुंंचे और साक्ष्य एकत्र किए।
हमने इस क्षेत्र में क्या हुआ है, इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है और इसे मुख्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया है।
उस क्षेत्र में कई ग्लेशियर हैं और जो ग्लेशियर टूटा था, वह एक लटका हुआ ग्लेशियर था।
उसके ऊपर एक पूरी बर्फ की चादर नीचे गिर गई जिससे ग्लेशियर टूट गया और इसके साथ ही बहुत से भूस्खलन नदी की घाटी में आ गए और बहाव की ओर बढ़ गए।
रेस्क्यू में जुटी एजेंसियां
प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 2 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं।
राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं।
स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 3 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।
प्रभावित गांवों को भेजी जा रही है राशन और जरूरी सामग्री
आपदा में सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए है। सड़क संपर्क से कटे इन गांवो मे हेलीकॉप्टर से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का समान लगातार भेजा जा रहा है।
गांवों मे फंसे लोगों को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री भेजी जा रही हैं।
बिजली और पेयजल आपूर्ति
पैंग और मुराडा को छोड़कर बाकी सभी 11 गांवों मे विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। पैंग व मुरंडा मे सोलर लाइट भेजी गई है।
उरेडा द्वारा 100 सोलर लाईटों से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। आपदा से 11 गांवों में पेयजल लाइनें प्रभावित हो गई थीं। इनमें से 10 गांवों में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। शेष एक में काम चल रहा है।
ट्राली से वैकल्पिक व्यवस्था
तपोवन, रैणी और जुआग्वाड गांवों में आवाजाही के लिए ट्राली व वैली ब्रिज से वैकल्पिक व्यवस्था बनायी जा रही है।
लापता लोगों के बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन
इस आपदा में लापता लोगों के बारे में पूछताछ के लिए जिला आपदा परिचालन केंद्र चमोली ने टोल फ्री दूरभाष नंबर -1077, 01372-251437, 9068187120, 7055753124 और 7830839443 जारी किए हैं, जिन पर लोग संपर्क कर सकते हैं।
इसके अलावा उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय में भी एक कन्ट्रोल रूम का गठन किया गया है, जिसका नम्बर 0135-2712685 एवं मोबाइल नम्बर 9411112985 है। लोग इन नम्बरों पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।