पटना: अगर कोई इमरजेंसी नहीं है तो शुक्रवार को अस्पताल के ओपीडी में नहीं जाएं। शुक्रवार को डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल है। बिहार के लगभग 35 हजार डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
वे इमरजेंसी और कोरोना जांच के साथ संक्रमितों के इलाज का ही काम देखेंगे।
अन्य किसी चिकित्सकीय सेवा में भाग नहीं लेंगे। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी में रोज औसतन दो हजार मरीज आते हैं।
पटना के अन्य सरकारी अस्पतालों के ओपीडी को मिलाकर कुल पांच हजार मरीजों के इलाज पर हड़ताल का असर पड़ेगा। शुक्रवार को हड़ताल है और शनिवार को एक दिन ओपीडी होगा, फिर रविवार को भी ओपीडी बंद रहेगा।
सोमवार से ही ओपीडी व्यवस्थित तरीके से चल पाएगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 35 हजार डॉक्टरों ने हड़ताल की तैयारी कर ली है।
सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में इमरजेंसी सेवा को छोड़कर कोई भी काम नहीं होगा। वाह्य चिकित्सा सेवा को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाएगा।
सुबह 6 बजे से शाम को 6 बजे तक डॉक्टर पूरी तरह से हड़ताल पर रहेंगे। डॉ. सच्चिदानंद का कहना है कि मिक्सोपैथी ऑफ एनएमसी, आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने का अधिकार देना गलत है।
यह मरीजों के हित में नहीं है। इसी कारण से डॉक्टरों ने शुक्रवार को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक हड़ताल का फैसला लिया है। डॉक्टरों की हड़ताल के बाद मरीजों के लिए एक दिन ओपीडी का समय मिलेगा।
शनिवार के बाद रविवार को फिर ओपीडी बंद रहेगा। ऐसे में शनिवार को ओपीडी में काफी भीड़ हो जाएगी। अब सोमवार से ही अस्पतालों के ओपीडी व्यवस्थित ढंग से चल पाएंगे।