पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ए.के. सिंघल ने अवैध रूप से चल रहे शराब के कारोबार को रोकने में कथित तौर पर असफल रहने पर चार स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ) को निलंबित कर दिया है।
शराबबंदी नीतीश कुमार सरकार द्वारा लिए गए सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है और विपक्षी दलों ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इसके कार्यान्वयन पर सवाल उठाए थे और कहा था कि बिहार में शराब का धंधा धडल्ले से चल रहा है, जिसे रोकने में सरकार पूरी तरह से विफल है।
शनिवार को कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को उन एसएचओ के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था, जो अपने संबंधित क्षेत्रों में शराब की तस्करी को रोकने में असमर्थ हैं।
बिहार पुलिस के पीआरओ अभय सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बिहार पुलिस द्वारा मद्य निषेध की जांच के आधार पर लिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पटना के कक्करबाग पुलिस स्टेशन के एसएचओ अजय कुमार को कथित तौर पर डीजीपी ने निलंबित कर दिया था। हाल ही में अशोक नगर इलाके में भारी मात्रा में शराब जब्त की गई थी।
वहीं गंगा ब्रिज के एसएचओ पंकज कुमार को गंगा के किनारे स्थित दियारा क्षेत्र में चल रही देसी शराब की भट्टी को हटाने और शराब तस्करी को रोकने में कथित रूप से असमर्थ रहने पर निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा मुजफ्फरपुर के अहियापुर के एसएचओ दिनेश कुमार को भी शराब तस्करी को रोकने में विफल रहने पर निलंबित किया गया है।
बिहार में आबकारी विभाग की सिफारिश पर निलंबित किए गए लोगों में मीनापुर के एसएचओ अविनाश चंद्र भी शामिल थे।
विधानसभा चुनावों के दौरान शराब और नकदी वितरण का एक वीडियो उनके अधिकार क्षेत्र में वायरल हो गया था। विभाग ने मामले का संज्ञान लिया और उन्हें निलंबित कर दिया।
सिंह ने कहा, सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और विभाग ने पिछले दिनों उनके द्वारा की गई अन्य अनियमितताओं का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच शुरू की है।