नई दिल्ली: देश भर में स्थित विभिन्न हाईकोर्ट में स्वीकृत 1,104 न्यायाधीशों की संख्या के मुकाबले अभी फिलहाल 699 न्यायाधीश ही हैं हाईकोर्ट में 405 पद खाली हैं। केंद्र की ओर से संसद को शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
कानून मंत्री किरेन रिजुजू ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया, वर्तमान में 405 रिक्तियों के साथ 175 प्रस्ताव सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों में हैं।
उच्च न्यायालयों में 230 रिक्तियों के संबंध में उच्च न्यायालय कॉलेजियम से आगे की सिफारिशें प्राप्त होनी बाकी हैं उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों में रिक्त पदों को भरना कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक सतत, एकीकृत और सहयोगात्मक प्रक्रिया है।
कानून मंत्री ने कहा, इसके लिए राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकरणों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
जबकि मौजूदा रिक्तियों को तेजी से भरने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है, उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की रिक्तियां सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या न्यायाधीशों की पदोन्नति के कारण और न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि के कारण भी उत्पन्न होती रहती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति को लेकर सामाजिक विविधता के लिए प्रतिबद्ध है और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध करती रही है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाओं के उपयुक्त उम्मीदवारों पर उचित विचार किया जाए।