नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की हुई बैठक में वैक्सीन बर्बाद होने का मुद्दा उठने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया है।
मंत्रालय ने उन राज्यों की एक रिपोर्ट तैयार की है जहां सबसे ज्यादा वैक्सीन बर्बाद हुई हैं।
इनमें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अलावा कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर हैं।
देश में कुल बर्बाद हुईं वैक्सीन में 44 फीसदी से भी ज्यादा इन पांच राज्यों में हुई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देश में अभी वैक्सीन के बर्बाद होने की राष्ट्रीय दर 6.5 फीसदी है।
हरकत में आया स्वास्थ्य मंत्रालय
राजेश भूषण ने बताया कि पीएम की बैठक में वैक्सीन की डोज बर्बाद होने का मुद्दा उठा है जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश देने और वैक्सीन डोज को बर्बाद होने से रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
हर राज्य को डोज बर्बाद होने की दर को शून्य तक ले जाने का लक्ष्य रखना होगा।
तेलंगाना में अबतक 17.6, आंध्र प्रदेश में 11.6, उत्तर प्रदेश में 9.4, कर्नाटक में 6.9 और जम्मू-कश्मीर में 6.6 फीसदी डोज बर्बाद हो चुकी हैं।
दूसरे राज्यों में भी खूब बेकार हुआ टीका
राजस्थान 5.6, असम 5.5, लद्दाख 5.4, गुजरात 5.3, पश्चिम बंगाल 4.8, बिहार 4, तमिलनाडु 3.7, त्रिपुरा 2.2, उत्तराखंड 1.6 और हिमाचल प्रदेश 1.4 फीसदी वैक्सीन की डोज बर्बाद हुई हैं।
यह स्थिति तब है जब राजस्थान में सर्वाधिक एक दिन में 1.52 लाख डोज लगाई जा रही हैं।
वहीं महाराष्ट्र में 1.38 और गुजरात में 1.21 लाख लोगों को वैक्सीन प्रतिदिन लग रही है।
एमपी में 61 हजार, कर्नाटक 54, छत्तीसगढ़ 39, आंध्र प्रदेश 35, दिल्ली और हरियाणा में 28-28 हजार डोज लगाई जा रही हैं।
करीब 10 लाख खुराक हुई खराब
आंकड़ों पर गौर करें तो केंद्र सरकार की ओर से अब तक राज्यों को सात करोड़ से भी अधिक वैक्सीन की आपूर्ति हो चुकी है।
इनमें से करीब 10 लाख खुराक अब तक बर्बाद हो चुकी हैं।
इसकी वजह से केंद्र सरकार को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा था कि हमें किसी और के अधिकार को बर्बाद करने का हक नहीं है।
इस हिसाब से देखें तो अगर शुरुआत से राज्य सतर्कता बरतते तो 10 लाख लोगों का अधिकार बर्बाद नहीं होता।