पीएम ग्राम सड़क योजना में हुआ 6 लाख 42 हजार किमी. सड़क का निर्माण : राष्ट्रपति

Central Desk

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार गांवों को सड़कों और इंटरनेट जैसी सुविधाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयायरत है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख 42 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे गांवों को 21वीं सदी की जरूरतों और ढांचागत सुविधाओं से जोड़ने के लिए उनकी सरकार ने ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विस्तार में भी सराहनीय काम किया है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में बसावटों के साथ-साथ स्कूलों, बाज़ारों और अस्पतालों आदि से जोड़ने वाले 1 लाख 25 हजार किलोमीटर रास्तों को भी अपग्रेड किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवों में सड़कों के साथ ही इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी उतनी ही अहम है। हर गांव तक बिजली पहुंचाने के बाद मेरी सरकार देश के 6 लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है।

महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर “आदर्श गांवों” के निर्माण की इच्छा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भी इसी विचार को लेकर चल रही है।

सरकार आज गांवों के बहुआयामी विकास के लिए लगातार काम कर रही है। गांव के लोगों का जीवन स्तर सुधरे, यह उनकी सरकार की प्राथमिकता है।

इसका उत्तम उदाहरण 2014 से गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए बनाए गए 2 करोड़ घर हैं। वर्ष 2022 तक हर गरीब को पक्की छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की गति भी तेज की गई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना से अब ग्रामीणों को उनकी संपत्ति पर कानूनी हक मिल रहा है।

स्वामित्व के इस अधिकार से अब गांवों में भी संपत्तियों पर बैंक लोन लेना, हाउस लोन लेना आसान बनेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

इस योजना का भी विशेष लाभ गांवों के छोटे उद्यमियों और कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों तथा छोटे किसानों को होगा।

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आंबेडकर संविधान के मुख्य शिल्पीज होने के साथ-साथ देश में जल नीति को दिशा दिखाने वाले भी थे।

8 नवंबर, 1945 को कटक में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था- “पानी एक संपत्ति है, जिसे प्रकृति ने बिना किसी भेदभाव के दिया है और इसे बिना भेदभाव के लोगों के बीच पहुंचाना ही जल का संवर्धन है।”

उन्होंने कहा, “बाबा साहेब की प्रेरणा को साथ लेकर, मेरी सरकार ‘जल जीवन मिशन’ की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है।

इसके तहत ‘हर घर जल’ पहुंचाने के साथ ही जल संरक्षण पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 3 करोड़ परिवारों को पाइप वॉटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है।”

इस अभियान में अनुसूचित जातियों व जनजातियों के भाई-बहनों तथा वंचित वर्गों के अन्य लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है।