न्यूज़ अरोमा रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर प्रयासरत राज्य के लगभग 65 हजार पारा शिक्षकों को हेमंत सरकार की वर्षगांठ समारोह से भी निराशा ही हाथ लगी है।
पारा शिक्षकों में यह उम्मीद थी कि आश्वासनों के आधार पर राज्य सरकार वर्षगांठ समारोह में उनके स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर भी घोषणा करेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
ऐसे में पारा शिक्षकों ने अब उग्र आंदोलन करने का फैसला कर लिया है। इनका कहना है कि अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है।
सरकार से पहले ही आग्रह करके अब हम लोग थक चुके हैं। अब लड़कर ही अपना हक पा सकते हैं। बता दें कि पिछली रघुवर सरकार के सत्ता से बेदखल होने में पारा शिक्षकों के आंदोलन का बड़ा रोल था।
चुनाव के समय किया वादा भूली हेमंत सरकार
पारा शिक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस ने उन्हें स्थायी करने का आश्वासन दिया था। वेतनमान 50 हजार रुपए करने तक की बात कही गई थी।
लेकिन सत्ता में आने के बाद अब हेमंत सरकार सभी वादे भूल गई है। इतना ही नहीं, चुनाव के दौरान नेताओं ने खुद को पारा शिक्षकों का हिमायती बताते हुए रघुवर सरकार पर निशाने भी साधे थे।
इन सबके बावजूद अब हेमंत सरकार भी अपनी गलती दोहरा रही है। इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
आंदोलन को धार देने की तैयारी
बता दें कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई की बैठक 27 दिसंबर को राजधानी रांची में हुई थी। प्रभात तारा मैदान, धुर्वा रांची कैंपस में हुई इस बैठक में राज्य इकाई के सदस्य, सभी जिलाध्यक्ष एवं जिलासचिवों की मौजूदगी में आंदोलन को धार देने की रणनीति बनाई गई।
दिन के 11 से 3 बजे तक हुई बैठक में आंदाेलन को धार देने पर चर्चा हुई थी।
इस बैठक में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा राज्य इकाई के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, नरोत्तम सिंह मुंडा, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह (सिंटू) ने तमाम सदस्यों व पारा शिक्षकों से बैठक में शािमल होने का आह्वान किया था, ताकि पारा शिक्षकों को इंसाफ दिलाने की आवाज बुलंद की जा सके।
क्या है पारा शिक्षकों की मांगें
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई का कहना है कि बड़ी संख्या में पारा शिक्षक स्थायीकरण एवं वेतनमान, अप्रशिक्षित एवं एनसी अंकित/क्लियर साथियों के बकाए मानदेय का भुगतान, छतरपुर एवं नौडीहा बाजार के 436 पारा शिक्षकों के बकाए एवं नियमित मानदेय का भुगतान,पश्चिमी सिंहभूम जिले के 69 पारा शिक्षकों सहित राज्य के सभी जिलों के कुछेक पारा शिक्षकों के पूर्व वित्तिय वर्ष के लंबित मानदेय का भुगतान, राज्य इकाई के कोष के सशक्तिकरण के संबंध में, टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को टेट पास का मानदेय भुगतान मुख्य मांगें हैं।
लंबे समय से केवल आश्वासन मिल रहा है, कार्रवाई कुछ नहीं हो रही है। ऐसे में अब रणनीति के तहत आंदोलन उग्र करने की तैयारी है।