नई दिल्ली: सन 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाला युद्धपोत आईएनएस विक्रांत इस बार राजपथ पर भारतीय नौसेना की झांकी का हिस्सा बनेगा।
भारत इस जीत के 50 साल पूरे होने पर इस साल को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के रूप में भी मना रहा है।
भारतीय नौसेना ने इस जंग में अपना ‘युद्ध कौशल’ साबित किया था, इसलिए इस साल की झांकी का उद्देश्य भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसेना की शानदार भूमिका को प्रदर्शित करना है।
गणतंत्र दिवस परेड में इस साल पेश की जाने वाली नौसेना की झांकी का विषय ‘भारतीय नौसेना-युद्ध तत्पर, विश्वसनीय और सुगठित’ है।
भारतीय नौसेना ने 1971 के युद्ध में विश्वसनीय शक्ति के रूप में अपनी क्षमता साबित की थी।
आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना का वह जहाज था, जिससे पाकिस्तान के पसीने छूट गए थे।
आईएनएस विक्रांत के सिर्फ नाम से ही पाकिस्तान के मन में इस कदर खौफ था कि वह किसी भी हाल में इस विमान वाहक पोत को नष्ट करना चाहता था।
भारतीय नौसेना ने भी पाकिस्तान को चकमा देकर आईएनएस राजपूत को आईएनएस विक्रांत बनाकर पेश किया।
जब पाकिस्तानी पनडुब्बी गाजी ने आईएनएस राजपूत पर विक्रांत समझकर हमला किया तो आईएनएस राजपूत ने गाजी को तबाह कर दिया था।
नौसेना प्रवक्ता विवेक मधवाल ने बताया कि झांकी के अगले हिस्से में मिसाइल बोट्स से कराची बंदरगाह पर हमले को प्रदर्शित किया गया है।
यह हमले 03/04 दिसम्बर की रात को ऑपरेशन ट्राइडेंट और 08/09 दिसम्बर की रात को ऑपरेशन पायथोन के हिस्से के रूप में किए गए थे।
झांकी में मिसाइल बोट दागने और दोनों अभियानों के दौरान हमलावर यूनिटों के हमलों ट्रैक चार्ट के रूप में भी दर्शाया गया है।
झांकी के पिछले हिस्से में नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को समुद्री हॉक और एलाइज एयरक्राफ्ट के साथ फ्लाइंग ऑपरेशन का संचालन करते हुए दिखाया गया है।
विक्रांत द्वारा किए गए हवाई अभियानों से पूर्वी पाकिस्तान के जहाजों और तटीय प्रतिष्ठानों को खासी क्षति हुई जिससे बांग्लादेश की मुक्ति का रास्ता आसान हुआ।
वाइस एडमिरल सतीश नामदेव में बताया कि जीत का जश्न मनाती इस झांकी में नौसेना के इतिहास का गौरवमयी अध्याय लिखने वाले नौसेना कर्मियों के साहस और बलिदान दर्शाने के लिए उन आठ मरणोपरांत महावीर चक्र पुरस्कार हासिल करने वाले नौसैनिकों की तस्वीरें लगाई गईं हैं, जिन्होंने इस युद्ध में अपनी शहादत दी थी।
ट्रेलर के किनारों पर युद्ध में भाग लेने वाले विभिन्न पोतों मुक्ति वाहिनी और ढाका में आत्मसमर्पण समारोह के साथ नौसेना के कमांडो अभियान (ऑपरेशन एक्स) को दर्शाने वाले भित्ति चित्र लगाये गए हैं।
यह झांकी 1971 युद्ध के दौरान किए गए नौसेना अभियानों के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करने और इनमें शामिल लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि नौसेना की झांकी दर्शकों में देशभक्ति की भावना पैदा करेगी।
झांकी के साथ भारतीय नौसेना का बैंड भी होगा, जिसका नेतृत्व नेवी के मुख्य पेटी अधिकारी (संगीतकार) कक्षा II सुमेश राजन करेंगे।
मार्चिंग दस्ते में 96 नाविक होंगे, जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर ललित कुमार करेंगे।
परेड के अगुवाई दल में प्लाटून कमांडरों के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर सुनीत फोगट, लेफ्टिनेंट आदित्य शुक्ला और सब लेफ्टिनेंट अगस्त्य चौधरी रहेंगे।
झांकी की कमांडर लेफ्टिनेंट कमांडर सीएस रुबेन और लेफ्टिनेंट कमांडर सुरभि शर्मा हैं।