गिरिडीह: लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर कश्मीरी सेव, नागपुरी नारांगी और बंग्लादेशी केलों से गिरिडीह का छठ बाजार पटा हुआ है।
भगवान भास्कर की पूजा सामग्री में नारियल, सूखे मेवे और फलों का विशेष महत्व है। विविध प्रकार के फल, सूखे मेवे नारियल समेत अन्य पूजा सामग्री एवं गेंहू के आटे से बनाये गये ठेकुओं को सजाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परम्परा है।
भलेही बेतहासा महंगाई ने इस वर्ष लोगों का मासिक बजट बिगाड़ दिया है लेकिन सूर्य उपासना के महापर्व छ्ठ में श्रद्धालु किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होने देते है।
हालांकि, पेट्रो पदार्थो की बढ़ती कीमत के कारण फलों कि कीमते भी सॉतवे आसमान पर हैं। इसके बावजूद भक्तों ने जमकर खरीदारी की।
मंगलवार को गिरिडीह फलमंड़ी के थोक विक्रेता मो. सोनू ने बताया कि छठ पर्व पर फलों की व्यापक स्तर पर बिक्री होती है।
इस वर्ष बंग्लादेश की फल मंड़ी से 50 हजार केला कांधी और कश्मीर एवं शिमला के सेव बगानों से 10 ट्रक से अधिक कई किस्मों की सेव की खेप गिरिडीह फल मंडी में मंगायी गयी है।
उल्लेखनीय है कि भगवान भास्कर की पूजा में फलों का विशेष महत्व होता है।