रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार गठन के बाद से ही राज्य की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाना और रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली के विकास पर जोर देना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है।
राज्य में स्थापित विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास मिले, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि झारखंड के शिक्षित और प्रशिक्षित हर युवा को रोजगार का सुनिश्चित अवसर मिले, इसी सोच के साथ कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में जल्द ही कौशल विद्या उद्यमशीलता डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली व्यवस्था विकसित हो, इसके लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के संस्थापकों से लगातार विचार-विमर्श किया जा रहा है।
उन्होंने निर्देश दिया कि कौशल विकास में जिन विषयों पर युवाओं को प्रशिक्षित करें, उनके लिए औद्योगिक तथा व्यावसायिक गतिविधियों के साथ-साथ स्थानीय आवश्यकताओं का भी अध्ययन किया जाना चाहिए। इससे शिक्षित-प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से तत्काल जोड़ा जा सकेगा।
बैठक में कौशल विद्या उद्यमशीलता डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी के एजुकेशनल स्ट्रक्चर की विस्तृत जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गयी। मुख्यमंत्री ने पाठ्यक्रमों में सिविल एविएशन कोर्स शामिल करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नवनिर्मित आठ पॉलीटेक्निक संस्थानों को सर्वप्रथम इस स्किल यूनिवर्सिटी से जोड़ा जायेगा। इस कार्य में प्रेझा फाउंडेशन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, प्रेझा फाउंडेशन के सीईओ कल्याण चक्रवर्ती, चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर मीनाक्षी कुमार, टीम सदस्य चित्तरंजन एवं शिप्रा, आर्का जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसएस रजी, निदेशक डॉ अमित श्रीवास्तव एवं रजिस्ट्रार डॉ जसबीर धांजल एवं अन्य उपस्थित थे।