रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में जल्द ही स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना होगी, जहां नौजवानों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ने की पहल होगी।
स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता के साथ परीक्षाओं में शामिल किया गया है। युवा अपनी भाषा के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व सरकार ने बैंक प्रबंधन से पूछा कि क्यों आदिवासी समुदाय को लोन नहीं मिलता है। बैंक प्रबंधन लीक से हटकर व्यवस्था करें, ताकि आदिवासी समुदाय व्यापार समेत अन्य क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा में बुधवार को आयोजित ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत आयोजित मेगा ऋण, परिसंपत्ति, अनुदान और नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौजवान राज्य को मान-सम्मान के साथ आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को सरकार हर तरह से रोजगार और व्यापार में सहयोग करेगी। यह सरकार का संकल्प है।
उन्होंने कहा, “ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए जनभागीदारी जरूरी है। आज सुदूर गांव तक पदाधिकारी पहुंच रहे हैं, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान उनके द्वार पर हो सके।
देश के अन्य राज्य अपनी परंपरा संस्कृति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमें भी तेजी से आगे चलना होगा, नहीं तो पीछे छूट जायेंगे। आप सभी से आग्रह है कि आगे आयें और योजनाओं का लाभ लें।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण काल से झारखंड बाहर निकल रहा है। संक्रमण के दौरान राज्य को दिशा देने की कार्ययोजना बनी। इसका प्रतिफल है कि सरकार आपके द्वार योजनाएं लेकर आयी है, जहां चंद मिनटों में समस्या का समाधान हो रहा है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि है। यहां के आदिवासी, मूलवासी, जल, जंगल और जमीन की रक्षा एवं लोगों के अधिकारों के लिए वीर सपूतों ने खुद को कुर्बान कर दिया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। उनके सपनों को पूरा करने के लिए सरकार जरूरतमंदों के दरवाजे तक पहुंच रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विडंबना है कि 20 वर्ष में दिव्यांगजनों की पहचान नहीं हो सकी। सरकार सभी दिव्यांग को पेंशन योजना से जोड़ने का कार्य कर रही है।
ऐसे में सभी दिव्यांगजनों की पहचान कर उन्हें पेंशन दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम में कोरोना से मृत परिवार के मुखिया के आश्रितों को 50 हजार रुपये सहयोग राशि देने का कार्य सरकार कर रही है। यह कार्य सभी जिलों में किया जा रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पांच लाख 34 हजार 752 लाभुकों के बीच 14 अरब 43 करोड़ से अधिक राशि की परिसंपत्तियों का वितरण किया।
इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री चम्पई सोरेन, मंत्री जोबा मांझी, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री हफीजुल अंसारी, सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा, विधायकगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, कोल्हान प्रमंडल के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, पदाधिकारी, विभिन्न गांव और पंचायतों से आये ग्रामीण एवं लाभुक उपस्थित थे।