रांची: बीते दो वर्षों में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से झारखंड को 15 करोड़ रुपये आयुष योजनाओं के संचालन के लिए दिए गए।
इन पैसों का उपयोग राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी चीजों को बढ़ावा देने में किया जाना था लेकिन राज्य सरकार सिर्फ 4.5 लाख रुपये ही खर्च कर पाई।
यह जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में रांची सांसद संजय सेठ को दी।
अतारांकित प्रश्न काल में सेठ ने केंद्रीय मंत्री से पूछा था कि झारखंड में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार क्या सहयोग कर रही है।
किन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सांसद ने यह भी पूछा था कि बीते दो वर्षो में केंद्र सरकार ने राज्य को कितनी राशि दी है और उसका क्या उपयोग हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को राष्ट्रीय आयुष मिशन के संचालन के लिए दो साल में 15 करोड़ की राशि दी गई थी।
इसमें आयुष कार्यक्रमों का प्रोत्साहन के साथ-साथ रांची में 50 बेड का आयुष अस्पताल, 100 आयुष स्वास्थ्य केंद्र एवं वेलनेस सेंटर खोले जाने की योजना पर काम होना था। इसके अतिरिक्त गोड्डा में स्थित होम्योपैथ मेडिकल कॉलेज का भी उन्नयन किया जाना था।
दूसरी ओर केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड में कोरियन, चाइनीज और तिब्बतियन भाषा की पढ़ाई होती है। इसके अतिरिक्त यहां पांच विषयों में कौशल विकास से संबंधित कोर्स का संचालन किया जा रहा है।
यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने सदन में संजय सेठ को दी।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने सांसद के सवाल पर सदन में बताया कि कौशल विकास से जुड़े जिन कोर्स को यहां संपन्न कराया जा रहा है, उनमें अधिकतर विषय इंजीनियरिंग से जुड़े हुए हैं।
इसमें कंप्यूटर साइंस, वॉटर इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट साइंस, एनर्जी इंजीनियरिंग जैसे विषय शामिल है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड में 23 विषयों पर शोध कार्य करने की सुविधा है। इस सत्र में 118 विद्यार्थियों ने शोध विद्यार्थी के रूप में यह नामांकन लिया है।