लखनऊ: गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीदों की धरती शाहजहांपुर में कहा कि देश की कमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों में आने के बाद से निरंतर जोड़ने का काम हुआ है। स
बको साथ लेकर चलने का काम हुआ है। इसी कड़ी में गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज को मेरठ से जोड़ने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने भाषण के आरंभ में प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वे देश के किसानों, नौजवानों, महिलाओं, नौजवानों के लिए अहर्निस कार्य करने वाले प्रधानमंत्री हैं। उन्हें कुछ दिनों पहले काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करते , श्रमिकों पर पुष्प वर्षा करते देखा, अभिभूत हुआ।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद से किसानों, नौजवानों, महिलाओं, श्रमिकों के साथ हमारी आस्था को सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।
उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से 2017 तक मात्र एक एक्सप्रेसवे बना था। आज छह एक्सप्रेस वे बन रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों पहले ही किया है।
बलिया लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे, गोरखपुर एक्सप्रेसवे और अब गंगा एक्सप्रेसवे की नींव रखी जा रही है।
लगभग 600 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे न केवल प्रयागराज से मेरठ को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। यह आपसी दूरी को ही नहीं कम करेगा, बल्कि दिलों की दूरी को भी कम करेगा।
लोगों को जोड़ने का भी काम करेगा। इस एक्सप्रेसवे के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के श्रमिकों के प्रति स्नेह और सम्मान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी में विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान श्रमिकों पर पुष्प वर्षा कर उन्हें सम्मान दिया।
इसके पहले प्रयागराज में कुम्भ के दौरान सफाईकर्मियों का पैर धोकर उन्हें सम्मान दिया। देश में यह पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमंत्री ने स्वच्छताकर्मियों का पैर धोया हो।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री बीएल वर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, जितिन प्रसाद, सांसद अरुण कुमार, संतोष गंगवार, संघमित्र मौर्य, जय प्रकाश रावत, अशोक रावत समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
यह है परियोजना
गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा है। यह देश की सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इस परियोजना पर 36 हजार, 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिविल निर्माण पर 19 हजार, 754 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।
वहीं भूमि क्रय के लिए नौ हजार, 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना का सीधे लाभ मेरठ, हापुड़, बुलंद शहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले को मिलेगा।