नई दिल्ली: हैदराबाद के डुंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में शनिवार को संयुक्त स्नातक परेड आठ दिसंबर को हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए पूरी तरह सादगी के माहौल में हुई।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने परेड को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युद्ध की प्रकृति में बुनियादी बदलाव आ रहा है। नई प्रौद्योगिकियां और मौलिक रूप से नये सिद्धांत सामने आये हैं।
भारत की सुरक्षा में बहुपक्षीय खतरे और चुनौतियां शामिल हैं। इसलिए हमें जरूरत है कि हम विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता निर्माण करें तथा अपने सभी अभियान एक साथ चलाएं। ये सब हमें कम समय में ही करना है।
समीक्षा अधिकारी के रूप में सलामी लेते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि यद्यपि आपका औपचारिक प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, लेकिन आप यह याद रखें कि सीखने की प्रक्रिया तो अभी शुरू हुई है।
अब आपको लगातार कठिन काम करना होगा तथा भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारियां उठानी होंगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना एक अधिकारी और कमांडर होने के नाते आपसे शानदार पेशेवराना तरीके और बेमिसाल सत्यनिष्ठा की उम्मीद करती है।
वायु सेना अकादमी में 208वें पायलट और ग्राउंड ड्यूटी पाठ्यक्रम तथा 133वें नौवहन पाठ्यक्रमों में भारतीय नौ सेना के दो अधिकारी, भारतीय तट रक्षक के नौ अधिकारी और वियतनाम के तीन कैडेट शामिल हैं, जो आज आधिकारिक रूप से पायलट बन रहे हैं।
वायु सेना प्रमुख चौधरी ने स्नातक अधिकारियों के माता-पिता और परिजनों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की जिन्होंने आपका इस तरह पालन-पोषण किया कि आप भारतीय वायु सेना में अपना करियर बना सकें।
उन्होंने उन सभी अधिकारियों और वायुकर्मियों के प्रयासों को भी सराहा जिन्होंने आपका मार्गदर्शन किया, आपको परामर्श दिया और आपको न सिर्फ आपके पेशे की बुनियादी चीजें सिखाईं, बल्कि आपको भारतीय वायुसेना का ‘मिशन, एकता और उत्कृष्टता’ का मूलमंत्र भी सिखाया।
याद रखें कि यही समर्पण, अनुकूलता और इच्छाशक्ति ही आपको आगे बढ़ायेगी, जिसकी भविष्य में समय-समय पर आपको जरूरत होगी। वायुसेना को आपसे बहुत उम्मीदें हैं, क्योंकि आगे आप ही नेतृत्व करेंगे तथा भविष्य में इस देश तथा भारतीय वायुसेना को दिशा देंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना बदलाव के दोराहे पर खड़ी है, जहां से उसे अत्यंत क्षमतावान वायुसेना बनना है, जिसके पास राफेल, अपाचे, चिनूक और एसएजीडब्लू प्रणालियों की विस्तृत किस्में हैं।
अब आप ऐसे माहौल में जा रहे हैं, जो चुनौतीपूर्ण है और जहां प्रौद्योगिकी बहुत गहरी है। भारतीय वायुसेना आप जैसे युवा और जोशीले अधिकारियों से उम्मीद करती है कि आप अपने पूर्ववर्तियों के पेशेवराना रवैये, व्यवहार और आचरण की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ायेंगे।
अच्छा अधिकारी होने के लिये आपको भारतीय वायुसेना की सभी शाखाओं की बारीकियों के बारे में जानना होगा। इनसे आपकी बुनियादी पेशेवराना जानकारी को बढ़ावा मिलेगा तथा आपको ‘पूर्णरूपेण पेशेवर’ बनने में सहायता करेगा।
वायु सेना प्रमुख चौधरी ने कहा कि अधिकारी के तौर पर आपको सैन्य इतिहास, भू-राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के अध्ययन के जरिये इस जटिल तथा हलचल भरी दुनिया को समझने की कुशलता का विकास करना होगा।
यह तभी संभव है, जब आप अपने सेवाकाल की शुरुआत से ही पढ़ने की आदत डालेंगे। भारतीय वायुसेना में अधिकारी के रूप में आपको अपने करियर में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
कभी इन कठिनाइयों और अड़चनों को मानसिक तथा शारीरिक रूप से खुद पर हावी न होने दें। एक पुरानी कहावत है, ‘व्हेन द गोइंग गेट्स टफ, द टफ गेट्स गोइंग’- यही आपके करियर का मूलमंत्र होना चाहिये तथा आपको शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से फिट रहना चाहिये, ताकि जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।