रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान समाज को बांटने वाला है। वह बाहरी-भीतरी कर के समाज को बांटना चाहते हैं।
जेपीएससी रद्द करने की मांग करने वाले बाहरी नहीं हैं, वह झारखंडी हैं। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सोमवार को दूसरे पाली में अनुपूरक बजट पर लाये गए कटौती प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए यह बातें भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कही। उन्होंने कहा कि झामुमो के बड़े नेता स्टीफन मरांडी और लोबिन हेंब्रम ने भी यह स्वीकारा है कि जेपीएससी में गड़बड़ी हुई।
अमर बाउरी ने कहा कि सदन में जेपीएससी मामले पर मुख्यमंत्री के जवाब पर कहा कि मुख्यमंत्री ने जेपीएससी पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पूर्व में गड़बड़ी करने वाले आज जेल में है। तो तय है कि वे भी कल जेल में होंगे।
भ्रष्ट हैं अमिताभ चौधरी
बाउरी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को लगता है कि जेपीएससी में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है, तो वे सीबीआई जांच कराने से क्यों परहेज कर रहे है।
अमिताभ चौधरी को आयोग का अध्यक्ष बनाने को लेकर अमर बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री झारखंडियों की बात करते हैं तो बताये कि क्या अमिताभ चौधरी का खतियान देखकर अध्यक्ष बनाये हैं।
उन्होंने कहा कि अमिताभ चौधरी भ्रष्ट आदमी हैं। उनपर जमशेदपुर में भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है। बाउरी ने कहा कि अमिताभ चौधरी को जेपीएससी में लाया ही इसलिए गया है, ताकि यहां लूट मचाया जा सके।
जेपीएससी में सरकार के किसी भी तरह के दखल नहीं देने वाले मुख्यमंत्री के बयान पर अमर बाउरी ने कहा कि सरकार का पूरे मामले में दखल है।
अमर बाउरी ने कहा कि जेपीएससी परीक्षा में अगर कोई गड़बड़ी नहीं हुई है, तो आयोग ने बाद में क्यों 49 अभ्यर्थियों को फेल घोषित किया।
आयोग के तर्क हैं कि इन 49 बच्चों का ओएमआर शीट नहीं था। लेकिन सच है कि पहले ही सभी अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट गायब किया गया था। उन्होंने कहा कि आयोग में जो लोग बैठे हुए हैं, सभी किसी के नियंत्रण में है।
नियुक्ति वर्ष पर सवाल उठाते हुए बाउरी ने कहा कि सरकार इसमें भी फेल हुई है। नियुक्ति की जगह पूर्व के विज्ञापनों को वर्तमान सरकार ने खत्म किया है।
पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की बात बताते हुए अमर बाउरी ने कहा कि आज जब सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, तो उनकी नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है।
सरकार पर तुष्टीकरण पर पराकाष्ठा का आरोप लगाते हुए अमर बाउरी ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से हिंदी को हटाकर उर्दू को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री बांटने का राजनीतिज्ञ कर रहे हैं। यह समय बतायेगा कि उनकी सरकार कब तक सत्ता में रहेगी।
पांच लाख नौकरी का क्या हुआ
विधायक ने कहा कि जब मुख्यमंत्री विपक्ष में थे तो सत्ता में आने के लिए झारखंड के पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, क्या हुआ उस वादे का।
इसी तरह पारा शिक्षक, साहियाओ जैसे अनुबंधकर्मियों को स्थायी करने का वादा किया था, जो दो साल बाद भी पूरा नहीं किया। अमर बाउरी ने कहा कि हेमंत सरकार का वादा पूरी तरह षडयंत्र और छल कपट वाला था।
लोगों को केवल वोट बैंक की तरह उपयोग किया
अमर बाउरी ने कहा कि हेमंत सरकार का कार्यकाल काले अक्षरों में लिखा जाएगा। अगर सरकार की नियत साफ होती तो दो साल में स्थायी नीति जरूर बनाती।
लेकिन सरकार की मंशा नहीं है कि झारखंड के लोगों का विकास हो। सरकार ने राज्य के सभी लोगों को केवल वोट बैंक की तरह उपयोग किया है।