खूंटी: डायन बिसाही के अंधविश्वास से झारखंड को मुक्त करने के उद्देश्य से मंगलवार को आयोजित सुचारू गरिमा परियोजना की राज्य स्तरीय कार्यशाला के दौरान खूंटी जिले को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरुस्कृत किया गया।
कार्यशाला में झारखंड के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन, ग्रामीण विकास सचिव डॉ मनीष रंजन, पद्मश्री छुटनी देवी व अन्य की उपस्थिति में उप विकास आयुक्त और डीएमपी जेएसएलपीएस को पुरुस्कृत किया गया।
झारखंड डायन कुप्रथा उन्मूलन अभियान परियोजना गरिमा के अंतर्गत खूंटी जिले के चार प्रखंडों रनिया, तोरपा, खूंटी सदर और मुरहू प्रखंड को आच्छादित किया गया है।
इन चारों प्रखंडों में कुल 373 महिला ग्राम संगठन और 3891 समूह हैं। गरिमा परियोजना के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाया गया। इनमें 219 पीडिता निकल कर आई हैं।
अभियान के बाद प्रखंड स्तर पर जन सुनवाई का आयोजन कर के पीड़ितों को सरकारी योजना मुहैया कराने तथा न्याय दिलाने में सहयोग किया जा रहा है।
162 गांवों में बदलाव मंच सह सुरक्षा समिति का गठन किया जा चुका है और बदलाव दीदियों ने इस कुप्रथा के विरुद्ध शपथ के साथ नियम बनाया है।
सभी चिह्नित पीड़िताओं को साइको सोशल परामर्श दिया गया है। 33 पीड़िताओं को जेएसएलपीएस अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं से तहत जोड़ा गया है।
93 पीड़िताओं को आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है। आठ पीड़िताओं के साथ आर्ट थेरेपी और 11 के साथ हिलींग कराने के लिए कार्यशाला में जोड़ा गया था। 180 पीड़िताओं का ई-श्रम कार्ड बनाया गया है।
इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पुलिस, डालसा, समाज कल्याण, श्रम अधीक्षक, जिला बाल कल्याण समिति, किशोरे न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा सामाजिक संगठन एवं सूचना एवं जन संपर्क विभाग का सराहनीय योगदान रहा है।