रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब मंजिल करीब थी, तो पांव फिसल गया।
जब करोना का प्रथम चरण था, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति की अगवानी में लगे हुए थे। इस अवधि में कोरोना पूरी तरह से फैल गया।
बुधवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में ओमीक्रोन का कोई विशेष प्रभाव नहीं देखने को मिल रहा है, तो ऐसे में नाइट कर्फ्यू लगाने की बात कर रहे हैं।
यह उचित नहीं है। इसे लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि बूस्टर डोज की व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 18 से कम उम्र के लोगों को टीका कैसे मिले, इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।
इसके लिए राज्य सरकारों को 60 के अनुपात 40 की जगह 90 अनुपात में दस प्रतिशत राशि देनी पड़े, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।
तब जाकर प्रधानमंत्री की बात को तर्कसंगत माना जायेगा, अन्यथा उनकी बातें हवा-हवाई रह जायेंगी।
बन्ना गुप्ता ने कहा, “हमने कोरोना के प्रथम चरण, द्वितीय चरण और उसकी विभीषिकाओं को भी देखा है।
इसलिए तीसरे चरण में स्वास्थ्य सेवाएं कैसे बेहतर बहाल होंगी, इसके लिए हमें बेहतरी से काम करना होगा।”
पत्रकारों द्वारा जब जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन खरीदे जाने के संबंध में उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह मशीन जल्द खरीदी जायेगी। उसका मामला कहीं नहीं अटका पड़ा हुआ है। जल्द इसे लगा दिया जायेगा