नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत देने के मामले में सीबीआई को निर्देश दिया है कि वो महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की भूमिका की जांच करे।
स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सीबीआई को चार हफ्ते में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सीबीआई के मुताबिक अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए थे। सीबीआई ने कहा था कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गए थे जहां उसे रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट दिए गए।
दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और सीबीआई के डीएसपी आरएस गुंजियाल और तिवारी 6 अप्रैल को मुंबई गए।
इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए थे। अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे।
तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज व्हाट्सऐप के जरिये साझा किया था। उसके बाद सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।
सीबीआई ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली। ये लगातार होता रहा है।
बता दें कि 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था।