नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने गुरुवार को स्वदेशी रूप से विकसित हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) ‘अभ्यास’ का उड़ान परीक्षण ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से किया।
उड़ान परीक्षण के दौरान ‘अभ्यास’ ने उच्च सहनशक्ति के साथ बहुत कम ऊंचाई पर एक उच्च सबसोनिक गति प्रक्षेपवक्र का प्रदर्शन किया।
डीआरडीओ ने कहा कि लॉन्च के दौरान दो बूस्टर और एक छोटे टर्बोजेट इंजन का उपयोग किया गया। इसका उपयोग उच्च सबसोनिक गति को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए किया जाता है।
डीआरडीओ ने गुरुवार को हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) ‘अभ्यास’ का सफल उड़ान परीक्षण ओडिशा के बालासोर तट से किया।
इस दौरान दो प्रदर्शनकारी वाहनों का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इन वाहनों का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है।
अभ्यास एक ड्रोन है, जिसे विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह देश की पहली स्थानीय रूप से विकसित प्रणाली है। यह ड्रोन दुश्मन के रक्षा तंत्र का परीक्षण करने के लिए विमान के रूप में डिकॉय कर सकते हैं। एयर वाहन को ट्विन अंडरस्लैंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया गया है।
डीआरडीओ के मुताबिक यह एक छोटे गैस टरबाइन इंजन से संचालित है और इसमें मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर के साथ नेविगेशन के लिए इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम है। एयर व्हीकल की जांच लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन का उपयोग करके की जाती है।
आज का परीक्षण पांच किमी. की उड़ान की ऊंचाई, 0.5 मैक की वाहन गति और परीक्षण वाहन की 2जी टर्न क्षमता की उपयोगकर्ता की जरूरत को देखते हुए किया गया।
बेंगलुरु स्थित उद्योग भागीदार द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी डेटा लिंक को उड़ान के दौरान सफलतापूर्वक उड़ाकर परीक्षण किया गया। पूरी उड़ान अवधि के दौरान सिस्टम के प्रदर्शन की पुष्टि विभिन्न रेंज के उपकरणों ने कैप्चर किए गए डेटा से की।
वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के साथ भारतीय सशस्त्र बलों के हवाई लक्ष्यों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इस स्वदेशी मानव रहित हवाई लक्ष्य प्रणाली को विकसित किया है।
विमान को एक ग्राउंड-आधारित नियंत्रक और एक स्वदेशी रूप से विकसित एमईएमएस-आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली के साथ-साथ उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर से नियंत्रित किया जाता है जो इसे पूरी तरह से स्वायत्त मोड में पूर्व-निर्धारित पथ का अनुसरण करने में मदद करता है।
इससे पहले डीआरडीओ ने 22 सितम्बर, 2020 को हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) ‘अभ्यास’ का सफल उड़ान परीक्षण ओडिशा के बालासोर तट से किया था।
डीआरडीओ ने आज ही स्वदेशी रूप से विकसित बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का लगातार दूसरे दिन ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया।
यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर के बीच दुश्मनों के ठिकाने को भेद सकती है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। यह प्रक्षेपण मिसाइल के दोनों विन्यासों में प्रणाली को सफल साबित करता है।