नई दिल्ली: कृषि कानूनों के प्रति सरकार के रूख को देखते हुए किसान अब आर-पार के लिए तैयार हैं।
आंदोलन के 18वें दिन रविवार को किसान नेताओं ने ऐलान किया कि सोमवार को दिल्ली बॉर्डर पर सभी किसान नेता सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अनशन करेंगे।
इसके अलावा सभी डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके अलावा आंदोलन से अवांछित तत्वों को दूर रखने के लिए भी निगरानी की जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गाजियाबाद बॉर्डर पर कुछ गलत एलीमेेंट पोस्टर लेकर आंदोलन में शामिल हुए थे, उन्हें हम लोगों ने हटाया और आगे भी हम लोगों को ऐसे लोगों पर नजर रखनी है।
प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने रविवार को एक बैठक की है।
इस बैठक में फैसला लिया गया है कि किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाको पर अनशन पर बैठेंगे।
उधर, किसान कानून वापसी के अलावा किसी भी तरह के संशोधन के लिए तैयार नहीं हैं।
शाह और तोमर की बैठक हुई
इस बीच, किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर जयसिंहपुर-खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। सुबह से ही किसान यहां इक_ा हो रहे थे और दिल्ली कूच की तैयारियों में जुटे थे।
किसानों के ऐलान के मद्देनजर रविवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मीटिंग की।
इस बीच किसान आंदोलन भी दो धड़ों में बंटता हुआ नजर आ रहा है।
उत्तराखंड के किसानों ने तोमर से मुलाकात कर कृषि कानूनों का समर्थन किया है।
पंजाब के डीआईजी का इस्तीफा
किसानों के समर्थन में पंजाब के डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
एडीजीपी (जेल) पीके सिन्हा ने इस्तीफे की कॉपी मिलने की पुष्टि की है।
लखमिंदर ने लिखा कि प्रदेश के किसान परेशान हैं। ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठे हैं।
मैं खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहता हूं।
तुरंत प्रभाव से पदमुक्त करें, ताकि दिल्ली जाकर अपने किसान भाइयों के साथ मिलकर अपने हक के लिए लड़ सकूं।
दिल्ली-जयपुर हाई-वे जाम
बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। अब राजस्थान के किसान भी दिल्ली पहुंच रहे हैं।
जिन्हें रोकने के लिए हरियाणा बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है।
जबकि राजनाथ सिंह की पहल पर नोएडा के चिल्ला बॉर्डर से किसान हट गए हैं।