पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने किसानों को आतंकवादी बताने वाली भाजपा की किसान चौपाल को ढकोसला बताया। सोमवार को उन्होंने कहा कि बिहार के किसान उनके झांसे में आने वाली नहीं हैं।
बिहार के किसानों के बारे में एनडीए नेता फर्जी दावे कर रहे हैं।
सच्चाई यह है कि बिहार के किसानों में दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा आक्रोश है। इसका इजहार बिहार के किसानों ने अभी हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कर भी दिया है।
राजद प्रवक्ता ने विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले किसानों का समर्थन के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बिहार के जिस क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है, वहां एनडीए का खाता भी नहीं खुला है।
बिहार में 15 ऐसे जिले हैं जहां जदयू को एक भी सीट नहीं मिली जबकि 10 जिलों में भाजपा का सफाया हो गया।
ये वही क्षेत्र हैं जहां धान के उत्पादन सबसे ज्यादा होते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए के नेता अपनी उपलब्धि के रूप में बार-बार इस बात की दुहाई देते हैं कि बिहार मे 2006 में हीं एपीएमसी यानी मंडी व्यवस्था समाप्त कर दी गई है जिसे केन्द्र सरकार अब लागू करने जा रही है।
लेकिन, वे इस बात का उल्लेख नहीं करते कि एपीएमसी समाप्त होने के बाद भी बिहार के किसानों की स्थिति बदत्तर होती जा रही है।
बिजनेस टुडे डॉट इन के आंकड़े के अनुसार बिहार के किसानों की औसत आय प्रतिवर्ष 42,684 रुपये है जो कि सबसे नीचले पायदान पर है।
जबकि राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की औसत आय 77,124 रुपये प्रतिवर्ष है। पंजाब और हरियाणा के किसानों की औसत आय क्रमशः 2,16,708 और 1,73,208 रुपये प्रतिवर्ष है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में पैक्स के माध्यम से धान और गेहूं खरीदने की व्यवस्था है, पर इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल बना दी गई है कि न तो किसान अपने उत्पाद को पैक्स के माध्यम से बेचना चाहते हैं और न पैक्स हीं किसानों से खरीदना चाहते हैं।
फलतः किसान अपने उत्पाद को बिचौलियों के माध्यम से औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं।
किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का संकल्प
प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि किसान संगठनों के आह्वान पर सोमवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर आयोजित धरना प्रदर्शन में राजद किसान प्रकोष्ठ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश और प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह के कुशल मार्गदर्शन में राजद ने किसानों के आन्दोलन में कदम से कदम मिलाकर चलने का संकल्प लिया है।