नई दिल्ली: देश के सबसे रईस कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने विदेशी मुद्रा बांड जारी करके 4 अरब डॉलर की राशि जुटाए हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस विदेशी मुद्रा बॉन्ड को अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया था।
रिलायंस इन बांडों से मिली विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल पहले से लिए गए कर्ज को री-फाइनेंस करने में भी कर सकती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के ज्वाइंट सीएफओ श्रीकांत वेंकटचारी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कंपनी का ये मेगा इश्यू अभी तक किसी भी भारतीय कंपनी की ओर से लाया गया डेट कैपिटल मार्केट का सबसे बड़ा इश्यू था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ये विदेशी मुद्रा बॉन्ड 10 साल, 30 साल और 40 साल की अवधि के लिए जारी किए हैं।
इनमें से 10 साल की अवधि के लिए 2.875 प्रतिशत की दर से 1.5 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा जुटाई गई है।
जबकि 30 साल की अवधि के लिए 3.625 प्रतिशत की दर से 1.75 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा जुटाई गई है।
वहीं 40 साल की अवधि वाले विदेशी मुद्रा बॉन्ड के लिए 3.75 प्रतिशत की दर से 7.5 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा जुटाई गई है।
रिलायंस की टर्म शीट में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि विदेशी मुद्रा बॉन्ड द्वारा जुटाई गई 4 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा में से कुछ हिस्से का इस्तेमाल रिलायंस के पहले से लिए गए 1.5 अरब डॉलर के कर्ज को री-फाइनेंस करने में किया जाएगा। ये कर्ज फरवरी के महीने में परिपक्व होने वाला है।
रिलायंस के इस विदेशी मुद्रा लोन में से 69 प्रतिशत हिस्सेदारी फंड मैनेजर्स को दी गई है, जबकि इंश्योरेंस कंपनियों को 24 प्रतिशत, बैंकों को 5 प्रतिशत और पब्लिक इंस्टिट्यूशन को 2 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है।
इस विदेशी मुद्रा बॉन्ड के एवज में दिए जाने वाले ब्याज का भुगतान साल में दो बार किया जाएगा।