लंदन: कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान को लेकर ब्रिटेन के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का स्वरूप डेल्टा जितना घातक नहीं है।
ओमिक्रोन से संक्रमित अधिकांश मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ रही है और उनके गहन देखभाल ईकाई (आईसीयू) में रहने का समय भी कम हुआ है।
उनके इस ऐलान से दुनिया के उन देशों को राहत मिली है, जहां ओमिक्रोन के कारण कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
ब्रिटेन के शिक्षा मंत्री नदीम जहावी ने बताया कि सरकार अस्पताल में भर्ती होने के आंकड़ों पर करीब से निगाह रख रही है, क्योंकि ओमिक्रोन से संक्रमित होने वाले लोगों में अधिकतर संख्या 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की है।
बहरहाल, यह वह समूह है जिसके 90 प्रतिशत लोगों को कोविड टीके की तीसरी (बूस्टर) खुराक दी जा चुकी है जो गंभीर रूप से बीमार होने से बचाव करती है।
जहावी ने कहा कि कुल मिलाकर, हम डेल्टा जैसा पैटर्न नहीं देख रहे हैं जहां काफी लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी थी।
उन्होंने कहा कि आईसीयू में लोगों के भर्ती रहने की अवधि भी कम हुई है। मंत्री ने अपने अन्य कैबिनेट सहयोगियों की इस राय से सहमति जताई कि लॉकडाउन की और पाबंदियों की शायद जरूरत न पड़े, भले ही इंग्लैंड में कोविड का संक्रमण उच्च स्तर पर बना हुआ है।
जहावी ने कहा कि 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में इजाफा हुआ है जो चिंता की बात है, लेकिन आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या में कमी आई है जो अच्छी खबर है।
ब्रिटेन में ओमिक्रोन की रफ्तार के मंद पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। ब्रिटेन में शनिवार को संक्रमण के 1,62,572 नए मामले मिले थे, वहीं, रविवार को नए मामलों की संख्या कम होकर 1,37,583 हो गई है।
ब्रिटेन की सरकार ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रोन के प्रसार के मद्देनजर माध्यमिक स्कूलों में छात्रों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा।
क्रिसमस की छुट्टियों के बाद अगले सप्ताह से छात्रों के वापस स्कूलों में लौटने को ध्यान में रखते हुए अस्थायी रूप से कुछ नियम लागू किए गए हैं।
साथ ही मौके पर ही एंटीजन कोविड जांच कराने के लिए भी कहा जा रहा है। कक्षाओं के लिए लागू किए गए नियम 26 जनवरी तक लागू रहेंगे, जिसके बाद हालात की समीक्षा की जाएगी। हालांकि, शिक्षकों को नियमों से छूट दी गई है।