रांची : गुमला के पांच मजदूरों के कर्नाटक के होजपेट में फंसे होने की जानकारी पर शुक्रवार को इन सभी को वहां से छुड़ाकर रांची ले आया गया।
रांची पहुंचने पर इन सभी श्रामिकों का कोरोना टेस्ट करवाकर गुमला जिला प्रशासन की मदद से उनके पैतृक गांव भेजा गया।
छुड़ाये गये श्रमिकों में गुमला के कोयंजरा गांव के प्रकाश महतो, पालकोट निवासी संजू महतो, मुरकुंडा के सचिन गोप, राहुल गोप और मंगरा खड़िया शामिल हैं।
सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुमला के पांच मजदूरों के कर्नाटक के होजपेट में फंसे होने की जानकारी मिली।
साथ ही यह भी पता चला कि काम का झांसा देकर इन मजदूरों को कर्नाटक ले जाया गया और उन्हें वहां बंधक बनाकर बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर किया जा रहा है।
जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता को इन मजदूरों की सकुशल घर वापसी सुनिश्चित कराने को कहा।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप एवं मंत्री सत्यानंद भोक्ता के निर्देश पर माइग्रेंट कंट्रोल रूम ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क स्थापित कर इन प्रवासी श्रामिकों की वापसी का कार्य शुरू किया।
प्रकाश कहते हैं, “एक परिचित के झांसे में आकर बेहतर काम की उम्मीद से हम कर्नाटक गये थे, लेकिन वहां हमसे 18-18 घंटे काम करवाया जाता था।
डेढ़ महीने से वेतन भी नहीं मिला। खाना भी नहीं मिलता था। ऐसे में काम करने से मना करने पर पिटाई भी करते थे। हम सभी को सुरक्षित वापस लाने के लिए हम सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।”
एक अन्य श्रमिक ने कहा, “हमें वहां 10-10 घंटे तक पानी में रहकर मछली निकालना होता था। फिर निकाली गयी अन्य मछलियों को छांटना होता था।
इस वजह से ठंड का भी सामना करना पड़ता था। एक वक्त तो ऐसा आ गया था, जब हमें लगने लगा था कि शायद अब कभी घर न लौट पायें, लेकिन हेमंत सरकार ने हमें बचाया।
हम सरकार को बहुत धन्यवाद देते हैं, आभार प्रकट करता हूं कि आज मैं अपने घर लौट पाया।”