मेदिनीनगर: राज्य के पूर्व मंत्री और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि राज्यस्तरीय भाषा के रूप में हिंदी को जेएसएससी परीक्षा में शामिल करें।
सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्व हिंदी दिवस की याद दिलाते हुए यह मांग की।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हिन्दी राष्ट्रीय और राष्ट्र भाषा है।
हमारे राज्य के सभी विद्यालयों में पढ़ाई हिंदी में ही होती है। प्रतियोगिता परीक्षाएं भी हिंदी में ही हों।
यदि झारखंड के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार में रखना हो तो डोमिसाइल पॉलिसी के तहत दूसरे राज्य के लोगों को रोक सकते हैं।
इसके लिए राष्ट्रभाषा और मातृ भाषा को कमजोर करने की कोई जरूरत नहीं है।
हिंदी को कमजोर करने से भारत की अखंडता एवं एकता कमजोर होगी एवं झारखंड की भी एकता और अखंडता कमजोर होगी। अतः हिंदी को रोजगार की परीक्षाओं में प्राथमिकता के साथ महत्व दें।