नई दिल्ली: भाजपा और कांग्रेस के बीच मणिपुर विधानसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। एबीपी-सीवोटर बैटल फॉर स्टेट्स सर्वे में सामने आए निष्कर्षों से यह अनुमान लगाया गया है।
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को जहां 36 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है, वहीं कांग्रेस को 33 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
सर्वेक्षण में राज्य की 60 विधानसभा सीटों से आने वाले 21,00 लोग शामिल थे।
भाजपा हालांकि कांग्रेस पर लगातार बढ़त बनाए हुए दिखाई दे रही है, भले ही यह बढ़त मामूली अंतर से ही क्यों न हो।
अब तक देखा गया रुझान इतनी तो स्पष्ट कर रहा है कि पिछले दौर के ट्रैकर से भाजपा की कांग्रेस पर बढ़त फीकी जरूर पड़ गई है।
फिलहाल भगवा पार्टी के 25 सीटें जीतने की उम्मीद है जबकि कांग्रेस 24 सीटों के साथ नजदीक बनी हुई है।
नगा जातीय पार्टी एनपीएफ की ओर से भी 4 सीटों पर कब्जा करने की उम्मीद है और अन्य को शेष 7 सीटों के आसपास मिल सकती है।
चुनावी रुझानों में जातीय आधार पर ध्रुवीकरण के साथ और भी बहुत कुछ कारक हैं।
अगर भाजपा अपनी बढ़त खो देती है या कांग्रेस से अचानक उछाल देखने को मिलता है, तो हम एनपीएफ और अन्य के साथ किंगमेकर की भूमिका के साथ एक और त्रिशंकु विधानसभा को देख हैं।
ऐसा होने की संभावना एक महीने पहले की तुलना में अधिक है।
मणिपुर के चुनाव भाजपा के लिए पूर्वोत्तर भारत में अपना निरंतर प्रभुत्व दिखाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से बिगड़ती आंतरिक सुरक्षा स्थिति के कारण उसके ट्रैक रिकॉर्ड पर कुछ असर जरूर पड़ा है।
एक शांत और प्रगतिशील पूर्वोत्तर भाजपा के राष्ट्रीय संदेश का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है।