बेंगलुरु: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड का मानना है कि खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में पिछले चार महीनों से राष्ट्रीय शिविर में कड़ी मेहनत की है और अब वे फिटनेस, प्रशिक्षण और कौशल के मामले में काफी करीब हैं।
रीड ने कहा, हमने खिलाड़ियों की उस स्तर की फिटनेस को बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश की है, जोकि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए चाहिए होता है।
उन्होंने कहा, ताकत, वजन, गति और मांसपेशियों के मामले में हमारे फिटनेस टेस्ट बताते हैं कि हम अपने लक्ष्य की ओर हैं।
हमारे ट्रेनिंग सेशन के आउटपुट आंकड़े फरवरी के आंकड़े (जब टीम ने भुवनेश्वर में एफआईएच हॉकी प्रो लीग खेला) के बराबर है।
मेरा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए हम तैयार हैं।
टीम ने पिछले चार महीने बेंगलुरु के साई सेंटर में बायो बबल में रहकर अपनी तैयारी की है और अपना फिटनेस स्तर पर कायम रखा है।
रीड ने कहा, पिछले चार महीने काफी मुश्किल रहे हैं।
हम अपनी प्रगति से काफी खुश हैं और जिस तरह से खिलाड़ियों ने बायो बबल में समय बिताया है, वह तारीफ के लायक है।
आम तौर पर खिलाड़ी चार से छह सप्ताह तक कैम्प में रहते हैं और फिर एक सप्ताह के लिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं।
कोच को उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय मैच हो सकेंगे।
रीड ने कहा, हॉकी इंडिया के सहयोग से हमने अगले साल की शुरुआत में मैचों की योजना बनाई है।
इन मैचों से हमें पता चलेगा कि हमारी ओलंपिक की तैयारी कैसी है और किस क्षेत्र में और अधिक सुधार करने की जरूरत है।