नई दिल्ली: यदि आप स्विगी या जोमैटो से खाना ऑर्डर करें और कुछ देर बाद आपकी खिड़की पर ड्रोन दस्तक दे,तब चौंकिएगा नहीं, क्योंकि यह जल्दी ही सच होने वाला है।
इतना ही नहीं, किसी डिपार्टमेंटल स्टोर से आप कोई सामान ऑर्डर करे, तब उस आपके घर पहुंचाने के लिए ड्रोन आ सकता है।
ड्रोन से अंतिम छोर तक डिलीवरी के लिए कंपनियां अपनी तैयारी पूरी करने लगी हैं।
लास्ट माइल डिलीवरी कंपनी ने पिछले सप्ताह बताया कि वह ड्रोन लॉजिस्टिक्स सेक्टर में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अभी तक इलेक्ट्रिक व्हीकल से डिलीवरी कर रही कंपनी ने ड्रोन से सामान पहुंचाने के लिए टोवोस ड्रोन के साथ हाथ मिलाया है।
कंपनी अभी पहले फेज में 200 ड्रोन मार्केट में उतारने जा रही है। ये ड्रोन अभी दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में डिलीवरी करने वाले है।
बता दें कि टोवोस ड्रोन डिलीवरी करने वाले ड्रोन डेवलप करती है।कंपनी पहले ही कई ड्रोन तैयार कर चुकी है, जिन्हें खासतौर पर डिलीवरी के लिए डेवलप किया गया है।
कंपनी की वेबसाइट पर डिलीवरी ड्रोन के 2 मॉडल की जानकारी दी गई है।पहला मॉडल मारुति 2.0 है, जो कम दूरी की डिलीवरी (40 किलोमीटर रेंज) के लिए है।
वहीं दूसरे ड्रोन एड्रोन की डिलीवरी रेंज 110 किलोमीटर तक है।ये दोनों मॉडल 5 किलो तक भार उठा सकते हैं।
कंपनी ने बताया कि अभी डिलीवरी में जितने ड्रोन उतारे जा रहे हैं, सभी में स्मार्ट लॉकर लगा होगा। डिलीवरी मंगाने वाले ग्राहक के पास एक ओटीपी जाएगा,इस डालकर स्मार्ट लॉकर खुलेगा।
इससे डिलीवर हो रहे सामान की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ड्रोन से डिलीवरी शुरू होने पर लोगों के समय की भी बचत होगी।
ये ड्रोन सिर्फ रिमोट लोकेशन में हीं नहीं, बल्कि शहरों के अपार्टमेंट में भी डिलीवरी करने वाले है। ये खुद से लोकेशन ट्रैक करने की टेक्नोलॉजी से लैस होगा।
इसके अलावा डिलीवरी ड्रोन में रिमोट-आईडी और डिटेक्ट एंड अवॉयड जैसी न्यू-एज टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
यह ड्रोन को रास्ते में किसी उड़ती चीज या किसी बिल्डिंग आदि से टकराने से बचाएगा।अभी यह सुविधा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में शुरू होगी।
संकरी गलियों में ड्रोन को ऑपरेट करने में दिक्कतें आ सकती हैं।इसमें मोहल्लों में ड्रोन से डिलीवरी की राह का सबसे बड़ा रोड़ा गलियों में तारों का जाल है।