सिमडेगा: जिले के कोलेबिरा में भीड़ के हाथों हुई संजू प्रधान (32) की हत्या की घटना में पुलिस से कहां चूक हुई, इसकी जांच अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) की टीम करेगी।
राज्यपाल रमेश बैस ने डीजीपी नीरज सिन्हा को तलब कर पूरे मामले की जानकारी ली थी और निष्पक्ष जांच कराने संबंधित दिशा-निर्देश दिया था।
राज्यपाल का निर्देश मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले की सीआइडी जांच कराने का निर्णय किया है।
सिमडेगा पुलिस पर आरोप है कि उन्मादी भीड़ जब संजू प्रधान के साथ मारपीट कर रही थी और जला रही थी तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
राज्यपाल ने संजू प्रधान हत्याकांड को निंदनीय बताया था। अनुसंधान की मॉनीटरिंग सीआइडी के एडीजी प्रशांत सिंह करेंगे।
घटना सिमडेगा के कोलेबिरा थाना क्षेत्र स्थित बेसराजारा बाजार के पास की है, जहां उन्मादी भीड़ ने संजू प्रधान को दिनदहाड़े हत्या के बाद जला दिया था।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण पहले संजू को घर से बुलाकर ले गए थे। बेसराजारा बाजार के समीप मैदान में पंचायत लगी।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संजू वन क्षेत्र से लकड़ी की तस्करी करता है। जंगल से लकड़ी काटने के आरोप में खूंटकटी के नियम के तहत संजू को मौत की सजा सुनाई गई।
इसके बाद तालिबानी अंदाज में पत्थरों से प्रहार कर संजू को मौत के घाट उतार दिया गया। इसके बाद घटनास्थल पर ही लकड़ी का ढेर लगा उसमें आग लगाकर उसपर ही संजू के शव को जला दिया।
संजू प्रधान घटनास्थल से महज 100 मीटर दूर बेसराजरा में ही घर बनाकर रह रहा था। वह मूलरूप से बंबलकेरा पंचायत के छपरीडीपा का रहने वाला था।