रांची: खनन एवं भूतत्व विभाग के आदेश से मिनरल डीलरों को हो रही समस्या के निराकरण में विलंब पर चिंता जताते हुए फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है।
चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को कहा कि मिनरल डीलरों की समस्याओं के निराकरण के लिए चैंबर द्वारा कई बार विभागीय सचिव से वार्ता का प्रयास किया गया लेकिन विभाग द्वारा इस दिशा में उदासीनता दिखाई जा रही है और समस्या सुनने के लिए समय नहीं दिया जा रहा है।
कोविड की चुनौतियों से जूझ रहे व्यापार जगत को विभागीय उदासीनता के कारण और भी समस्या हो रही है, जिसपर मुख्यमंत्री को त्वरित संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि खनन विभाग द्वारा 12 जनवरी को जारी किये गये आदेश के अनुसार खनिज से जुडे डीलरों को खनिज के अनुसार जिलेवार लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता है यानी यदि कोई डीलर रांची जिले से दो अलग-अलग खनिजों का व्यापार करता है तो उसके पास दोनों खनिजों के लिए अलग-अलग लाईसेंस लेने होंगे।
बाद में यदि वह अन्य जिलों में काम करता है तो उनके पास उस विशेष जिले से उस विशेष खनिज के लिए अलग लाइसेंस भी लेना होगा।
साथ ही उस लाइसेंसधारी डीलर को प्रत्येक लाइसेंस का मासिक रिटर्न दाखिल करने की भी बाध्यता है अन्यथा जिला खनन पदाधिकारी द्वारा ऐसे डीलर के आईडी को ब्लॉक कर दिया जायेगा।
तनेजा ने कहा कि एक ही कार्य के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेने के लिए डीलरों को बाध्य करना तर्कसंगत नहीं है।
कारोबारी गतिविधियां को रफ्तार देने के लिए जटिल नीतियों का सरलीकरण करने के साथ ही न्यूनतम कागजी कार्रवाई की पहल करनी चाहिए लेकिन खनन विभाग के इस निर्देश से तो ईओडीबी की मूल अवधारणा ही बदल जाती है।
विभाग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यही ईओडीबी है। साथ ही उन्होंने मिनरल डीलर्स की समस्याओं के समाधान के लिए पुनः खनन विभाग से इस अव्यवहारिक निर्णय को शिथिल करने का आग्रह किया।
बिजली कनेक्शन चालू करने में हो रहे विलंब से व्यापार आरंभ करने में होनेवाली परेशानी पर चिंता जताते हुए झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने जेबीवीएनएल के उच्चाधिकारियों से सिस्टम को सुव्यवस्थित करने की अपील की।