नई दिल्ली: भारत की सद्भावना यात्रा पर कोच्चि पहुंचे रूसी जहाजों ने अरब सागर में भारतीय नौसेना के साथ युद्धाभ्यास किया।
इस अभ्यास में दोनों नौसेनाओं के बीच सामंजस्य और अंतःक्रियाशीलता का प्रदर्शन किया गया।
इसमें सामरिक युद्धाभ्यास, क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर संचालन और सीमैनशिप गतिविधियां शामिल थीं। इस दौरान दोनों नौसेनाओं के बीच पेशेवराना बातचीत की गई।
रूसी नौसेना के मिसाइल क्रूजर वैराग, विध्वंसक एडमिरल ट्रिब्यूज और रूसी टैंकर बोरिस बुटोमा दो दिवसीय सद्भावना यात्रा पर 13 जनवरी को कोच्चि पहुंचे।
कोचीन पोर्ट ट्रस्ट पहुंचने पर वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों ने नौसेना बैंड के साथ धूमधाम से रूसी जहाजों का स्वागत किया।
इन जहाजों के कमांडिंग ऑफिसर प्रथम रैंक के कैप्टन अनातोली वेलिचको थे और वह रूसी प्रशांत बेड़े डिविजन के चीफ ऑफ स्टाफ भी हैं।
दूसरे रैंक के कैप्टन रोमन ग्लूशकोव, मिसाइल क्रूजर वैराग के कमांडिंग ऑफिसर और विध्वंसक एडमिरल ट्रिब्यूज के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन इगोर टॉलबातोव और रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ से मुलाकात की।
यात्रा के दौरान रूसी नौसेना और भारतीय नौसेना के बीच विभिन्न मुद्दों पर पेशेवर बातचीत की गई।
भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को अरब सागर में रूसी संघ की नौसेना के आरएफएस एडमिरल ट्रिब्यूट्स के साथ अभ्यास किया। इस दौरान आपसी सामंजस्य और अंतःक्रियाशीलता का प्रदर्शन किया गया।
स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस कोच्चि ने भारत का नेतृत्व किया।