रांची: प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने कहा कि निवेश कुमार सहित अन्य गिरफ्तार लोगों का पार्टी से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।
बेवजह संगठन को घसीटा जा रहा है। बरामद की गाड़ी और 77 लाख रुपये निवेश कुमार के हैं या फिर किसी कारोबारी के हो सकते हैं।
दिनेश गोप ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि निवेश कुमार ठगी का काम करता है। किसी से ठगा होगा। बेवजह मीडियाबाजी कर निवेश कुमार को हीरो बनाया जा रहा है।
इससे रांची में भय का माहौल बनाने का काम पुलिस और मीडिया कर रही है। बांग्लादेशी लड़की अंजली उर्फ फातिमा का भी पार्टी सुप्रीमो से कोई संबंध नहीं है।
उल्लेखनीय है कि रांची पुलिस ने बीते दिन पीएलएफआई संगठन के सहयोगी निवेश कुमार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
साथ ही पुलिस ने 77 लाख नकद , हथियार, गोली, वाहन सहित कई अन्य सामान बरामद किया था।
वहीं, पुलिस की दर्ज प्राथमिकी में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि तीनों निवेश कुमार, शुभम पोद्दार और ध्रुव सिंह पीएलएफआई के सक्रिय सदस्य है।
संगठन को मजबूत करने के लिए वे पीएलएफआई को हथियार के साथ सिम और अन्य जरूरत के सामान उपलब्ध कराते थे।
बीते छह जनवरी को पुलिस ने निवेश के तीन साथियों आर्या कुमार सिंह, अमीर चंद उर्फ चाचा और उज्जवल कुमार को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार आर्या और अमीर चंद के पास पुलिस ने पांच सिम, नगद 3.50 लाख रुपये पहले बरामद किए। फिर अमीर चंद की निशानदेही पर पुलिस ने निवेश के नगड़ी स्थित भाड़े के मकान से पीएलएफआई के 70 पर्चे, 7 स्लीपिंग बैग, 15 पोर्टेबल टेंट जब्त किए थे।
गिरफ्तार उज्जवल कुमार खूंटी में एक मोबाइल कंपनी में काम करता था और सिम उपलब्ध कराता था।
इनके साथ पैसे के लालच में आकर वह इन्हें फर्जी पहचान पत्र पर सिम उपलब्ध कराया करता था। जिसका इस्तेमाल लेवी वसूलने में किया जाता था।