रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि ज्ञान और तकनीक आधारित इस युग में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए।
आज का युग प्रतियोगिता का युग है और इस युग में कक्षा में सीखे ज्ञान की सार्थकता, उसके सामाजिक प्रतिफलन में है।
हमारा प्रयास है कि राज्य के अधिक-से-अधिक युवा वर्ग उच्च शिक्षा ग्रहण करें, चाहे वो किसी भी वर्ग के हो। ज्ञान हासिल करने में जाति, धर्म एवं वर्ग कभी भी बाधक न बने।
राज्यपाल सोमवार को नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है तथा सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से अंत हो सकता है।
राज्यपाल ने उपाधि ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी एक सामाजिक, सुसंस्कृत और कुशल नागरिक के रूप में विकसित हों।
वे नैतिकतानिष्ट एवं चरित्रवान हों। ऐसे नागरिक निश्चित रूप से देश और समाज के लिए अमूल्य संपदा सिद्ध होंगे। इन अर्थों में देखें तो दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि आरम्भ होता है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि केवल उपाधि हासिल करना ही सिर्फ आपके जीवन का मकसद नहीं होना चाहिए।
अब आप यहां से जीवन के कर्म-क्षेत्र में प्रवेश करेंगे, जहां आपको अपनी क्षमता एवं प्रतिभा से अपनी सही पहचान स्थापित करनी है।
आप लोगों को अपने कैरियर का चयन करना है और इसमें सफलता के लिए एक अनुशासित जीवन अति आवश्यक है।
आप कभी भी अपने-आपको कमजोर न समझें। हमेशा मजबूत इरादों के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए निरंतर आगे बढ़ें और अपनी प्रतिभा का ऐसा परचम लहरायें कि आपको यह विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य और देश एक आदर्श उदाहरण के रूप में देखे।