नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हेलो टैक्सी पोंजी स्कीम के दो डायरेक्टर को जमानत दे दी है।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि दोनों आरोपितों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने राजेश महतो और प्रदीप सिंह राणा को जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि दोनों आरोपित एक साल से ज्यादा समय से जेल में हैं और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
कोर्ट ने दोनों आरोपितों को जमानत देते हुए कहा कि इनके खिलाफ जो साक्ष्य हैं वे दस्तावेजी हैं और वे जांच एजेंसी के कब्जे में हैं।
कोर्ट ने कहा कि आरोपितों ने अपराध को अंजाम दिया है कि नहीं इसका फैसला ट्रायल के बाद ही होगा। ऐसे में आरोपितों को लगातार जेल में नहीं रखा जा सकता है।
राजेश महतो की ओर से वकील पीयुष पुष्कर ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि आरोपित ने निवेशकों को लालच दिया।
कंपनी का गठन 2015 में हुआ जिसका नाम आयुर्वेदिक इंडिया रखा गया। राजेश महतो उस कंपनी में 26 जून 2018 को तब ज्वायन किया जब कंपनी के नाम और मालिक बदल गए।
पुष्कर ने कहा कि आरोपित केवल एक नॉन एक्जीक्युटिव डायरेक्टर था औऱ उसने केवल 11 लाख रुपये प्राप्त किए थे। ये 11 लाख उसका पारिश्रमिक था।
दूसरे आरोपित सुंदर सिंह भाटी की ओर से वकील प्रदीप सिंह राणा ने कहा कि आरोपित 9 दिसंबर 2020 से जेल में है और उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि आरोपित का कथित घोटाले से कोई संबंध नहीं है। बता दें कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक शिकायतकर्ता धर्मेंद्र सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया था।
शिकायत में कंपनी के अलावा इसके निदेशकों सरोज महापात्रा, राजेश महतो, डेजी विजय मेनन, सुंदर सिंह भाटी और दूसरे लोगों पर आरोप लगाए गए हैं।
कंपनी ने एक साल में पैसे दुगुने करने का झांसा देकर लोगों से पैसे वसूले।