नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के एक आरोपित दिनेश यादव ऊर्फ माइकल को पांच साल की सजा और 12 हजार रुपये के जुर्माने का आदेश दिया है।
एडिशनल सेशंस जज वीरेंद्र भट्ट ने ये आदेश दिया। इस आदेश की प्रति अभी कोर्ट की वेबसाइट में अपलोड नहीं हुई है।
कोर्ट ने 6 दिसंबर 2021 को दिनेश यादव को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने दिनेश यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 147, 148, 149, 457, 392 और 436 के तहत दोषी करार दिया।
मामला 25 फरवरी 2020 की है जब डेढ़-दो सौ की संख्या की दंगाइयों की भीड़ भागीरथी विहार के गली नंबर 14 के एक मकान को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे घेर लिया।
भीड़ घर का गेट तोड़कर अंदर घुस गई। भीड़ ने मकान में रखे जेवरात, दस्तावेज, पैसे , बर्तन और कपड़ों को चुरा लिया।
मकान में रह रही 72 वर्षीय महिला मनोरी बच्चों के साथ बगल के घर में छत के जरिये कूद गई और पुलिस को फोन किया। महिला ने 3 मार्च, 2020 को पुलिस को लिखित शिकायत दर्ज कराई।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल का नाम तब आया जब गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
दिनेश यादव को एक दूसरे मामले में 3 जून 2020 को गिरफ्तार किया गया था। दिनेश यादव को पुलिस ने मंडोली जेल से गिरफ्तार किया था।
सुनवाई के दौरान 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान आरोपित के खिलाफ आरोपों की तस्दीक करते हैं।
अपने बयान में शिकायतकर्ता मनोरी ने कहा कि वो किसी आरोपित को पहचानती नहीं है। उसने कहा कि उसके घर के आस पास बड़ी संख्या में दंगाईयों की भीड़ एकत्र हो गई थी, जिसके बाद वो शाम को चार बजे छत के जरिये दूसरे घर में कूद गई जिससे उसकी जान बच सकी।
उसने कहा कि दंगाई उसके मवेशियों को भी नहीं छोड़ा और अपने साथ ले गए।
उल्लेखनीय है कि 2020 के फरवरी महीने में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी और दो सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इस हिंसा में सरकारी और गैर-सरकारी संपत्तियों का काफी नुकसान हुआ था।