रांची: धनबाद के जज उत्तम आनंद के मौत के मामले में अब नई कहानी निकल कर सामने आ रही है।
शुक्रवार को एडिशनल सॉलिसिटर एसवी राजू ने सीबीआई की ओर से पेश सभी जांच रिपोर्ट और नार्को टेस्ट रिपोर्ट का हवाला देकर कोर्ट में दलील पेश की।
इस दौरान उन्होंने बताया कि धक्का मारने से पहले ऑटो चालकों को जानकारी थी कि उक्त व्यक्ति जज है। नार्को टेस्ट में भी ऑटो चालकों ने स्वीकार किया कि वे जज को जानते थे।
उनके हाथ में मोबाइल की जगह रुमाल है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को मामले की सही से जांच करनी चाहिए।
आरोपितों को बचाने के लिए कोर्ट में सीबीआई तर्क न पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की जांच मामले में अलग कहानी कह रही है, जबकि सबूत कुछ और कह रहे हैं।
सीबीआई की जांच से लगातार असंतुष्ट है कोर्ट
इससे पहले की सुनवाई में भी कोर्ट ने सीबीआई जांच से अंसतुंष्टि व्यक्त की थी। कोर्ट ने नार्को टेस्ट समेत आरोपियों की सभी जांच रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने सीबीआई को पहले ही कहा था कि जितना अधिक समय लगेगा उतने ही अधिक तथ्य ढूंढने होंगे।
सीबीआई ने मोबाइल लूट की कोशिश में जताई थी हत्या की आशंका
सीबीआई ने कहा है कि वे हर संभव कोशिश कर रही है। ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट में भी उन्हें कुछ नहीं मिला और भी कुछ टेस्ट किए गए हैं, जिनके रिपोर्ट अभी आने बाकी है।
सीबीआई का कहना था कि हो सकता है मोबाइल लूट की कोशिश में उनकी हत्या की गई है।
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि सीसीटीवी में लूट की कोई घटना दिखाई नहीं दी है, जबकि यह स्पष्ट दिखाई दिया कि उन्हें जानबूझकर मारा गया है।
मॉर्निंग वाक के दौरान हुई थी हत्या
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई की सुबह करीब पांच बजे एडीजे उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी।
इस घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गई थी। उधर, पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है।