पटना: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहते हैं। कोरोना काल में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी फजीहत हुई, जिसके बाद बिहार सरकार स्वास्थ विभाग को सुदृढ़ करने में जुटी हुई है।
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार के निर्देश पर राज्य के सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों ने विभिन्न अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्थिति काफी बदतर दिखी।
इसके बाद स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार को राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ वर्चुअल बैठक कर उन्हें जमकर फटकार लगाईं है।
बिहार के सदर अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों में एक्स-रे, सिटी स्कैन की सुविधाओं और साफ-सफाई की काफी कमी देखी गई। इस लचर व्यवस्था का देखकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत काफी आगबबूला हो गए।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के नेतृत्व में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ मंगलवार को बैठक की।
बैठक में जिलाधिकारियों द्वारा सरकारी अस्पतालों की स्थिति को लेकर दिए गए फीडबैक से सिविल सर्जनों से जानकारी मांगी गयी। प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठककर उन्हें खूब फटकार लगाई।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सिविल सर्जनों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने और अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
औचक निरीक्षण के दौरान मरीजों के स्वास्थ्य की जांच को लेकर राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं के सुचारू संचालन में काफी कमी देखी गई।
विशेष रूप से एक्स-रे और सिटी स्कैन की सुविधाएं मरीजों को समय पर नहीं दी जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि बंद पड़े सिटी स्कैन और एक्स-रे शीघ्र शुरू कराएं।
जहां यह सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा, वहां सभी कमियों को तत्काल दूर करें।