रांची/दुमका: झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्षों से लंबित रहे रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति नियमावलियों एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन वह संशोधन की कार्रवाई की गयी है।
राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी में अधिक-से-अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न नियुक्ति एवं परीक्षा संचालन नियमावली अंतर्गत अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के रूप में अभ्यर्थियों का मैट्रिक, 10वीं कक्षा तथा इंटरमीडिएट, 12वीं कक्षा झारखंड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है।
अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है।
पारदेशीय छात्रवृति योजना लागू की गयी है
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना लागू की गयी है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जनजाति के 10 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को चयनित कर इंग्लैंड और नार्थन आयरलैंड में अवस्थित विश्वविद्यालयों संस्थानों में कतिपय कोर्स में उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
इस वर्ष अनुसूचित जनजाति समुदाय के सात छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है।भविष्य में इस योजना का विस्तार किया जाएगा।
एक छात्र पर लगभग एक करोड़ रुपये की राशि सरकार खर्च कर रही है।
झारखंड अन्तर्गत निजी क्षेत्र में स्थापित कारखानों, उद्योगों, संयुक्त उद्यमों तथा पीपीपी के तहत संचालित परियोजनाओं में होने वाली नियुक्तियों में 75 फीसदी आरक्षण स्थानीय युवाओं के लिए करने के लिए झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 लागू किया गया है।
हमारा यह प्रयास बेरोजगारी तथा पलायन की समस्या को कम करने में अत्यधिक सार्थक भूमिका निभाएगा।