कराची: पाकिस्तान में उम्रकैद की सजा काट रहे एक युवक को इंटर की परीक्षा में टॉप करने पर मां से अकेले में मिलने का तोहफा दिया गया।
दक्षिणी पाकिस्तान की सेंट्रल जेल में हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहा 35 साल का पुरुष कैदी पांच साल बाद बतौर ईनाम अपनी मां से मिल पाया है।
सैयद नईम शाह को विगत सोमवार को कराची की जेल में मां से पहली बार अकेले में मिलने का मौका मिला था।
उसने बीते साल ही जेल से इंटरमीडिएट की प्राइवेट परीक्षा दी थी। इसमें टॉप करने पर उसने इंस्टीट्यूट आफ चार्टड एकाउंटेंट आफ पाकिस्तान में आगे की पढ़ाई के लिए पाकिस्तानी एक लाख रुपये की छात्रवृत्ति जीती है।
जेल के उपनिरीक्षक सईद सूमरू ने बताया कि उसकी उपलब्धि के कारण उसकी मां से उसे अकेले में मिलने की अनुमति दी गई।
शाह ने अपनी मां और बहन से मिलने की अनुमति मांगी थी। यह बहुत भावनात्मक क्षण था। वह रोते हुए अपनी मां के गले लगा और उनके पैरों में गिरकर माफी मांगी।
शाह ने जेल से ही परीक्षा देने के बावजूद टॉप करके सबको चौंका दिया है। शाह ने जेल अधिकारियों को जवाब देते हुए कहा है कि मेरे पुराने कैदियों को किताबें पढ़ने का शौक है, जिन्होंने मुझे परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया और मुझे तैयारी करने में भी मदद की है।
शाह को 2018 में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
सूमरू के अनुसार शाह को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों, अच्छे व्यवहार और रक्तदान के साथ-साथ एक अच्छे कैदी के रूप में बिताए गए समय के लिए छह साल के समय में रिहा किया जा सकता है।