नई दिल्ली: भारत और इजरायल के राजनयिक संबंधों की आज 30 साल पूरे होने के मौके पर भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और उनके इजरायली समकक्ष यायर लैपिड ने कहा कि दोनों देशों को अपनी पुरानी दोस्ती को सहेज कर रखने का आशीर्वाद मिला है तथा वे आगे भी साथ काम करना जारी रखेंगे।
एक अंग्रेजी दैनिक में ‘नमस्ते, शैलोम टू फ्रेंडशिप’ के शीर्षक के साथ संयुक्त कॉलम में दोनों राजनेताओं ने लिखा है कि दोनों देशों को 4,000 किमी की दूरी अलग करती है, लेकिन वे परस्पर ज्ञान एवं दूरदर्शिता के साथ जल प्रबंधन, कृषि, नवाचार और सुरक्षा समेत विभिन्न परियोजनाओं के क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
दोनों राजनेताओं ने आगे कहा , “ हाल के महीनों में संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के साथ हमने एक अद्वितीय राजनयिक वार्ता में भागीदारी की है।”
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अब्राहमिक समझौते के संदर्भ में कहा, “ नए रिश्ते से आर्थिक लाभ मिलने के साथ ही पश्चिम एशिया में एक रणनीतिक बदलाव की शुरुआत हो रही है , जिसकी पहुंच भारत तक हो रही हैं।
पिछले साल, हमने भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के साथ संयुक्त परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए उन नए संबंधों का उपयोग किया।”
बयान में कहा गया , “ हम दो प्राचीन सभ्यताएं हैं। हम दो ऊर्जावान युवा लोकतंत्र भी हैं जो नवाचार के प्रति खुलेपन और अन्य संस्कृतियों से जुड़ने की क्षमता से प्रेरित हैं।”
उन्होंने कृषि क्षेत्र में सहयोग की आधारशिलाओं में से एक बताते हुये कहा, “ इजरायल भारत में कृषि और जल प्रबंधन की चुनौतियों के अभिनव समाधानों की पहचान करने में सबसे आगे है, जिसका पैमाना अभूतपूर्व रहा है।
दोनों देश मिलकर पूरे भारत में 30 इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस संचालित कर रहे हैं। वे हजारों भारतीय किसानों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के साथ प्रशिक्षित कर रहे हैं।
जल प्रबंधन के क्षेत्र में भारत और इजरायल प्रौद्योगिकी, आपसी जानकारी और संयुक्त परियोजनाओं में सहयोग कर रहे हैं। इस सहयोग में सुरक्षा दूसरा प्रमुख कारक है।”
दोनों विदेश मंत्रियों ने कहा कि भारत इजरायल के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों में से एक होने के कारण द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने मिलकर जल, कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा और संचार में उन्नत तकनीकी नवाचार के लिए एक कोष की स्थापना की है। इजरायल में भारतीय विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है।
नवंबर-2021 में ग्लासगो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नफ्ताली बेनेट के बीच हुई बैठक और यरूशलेम में अपने बीच हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने मुक्त व्यापार समझौते पर हुई बातचीत में तेजी लाने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में और भी अधिक निकटता से काम करने पर सहमति व्यक्त की है।