रांचीः स्टेट के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां गायनी विभाग में सर्जरी के दौरान महिला की पेट में ही तौलिया छोड़ दिया गया।
इसके बाद महिला के सर्जरी वाली जगह में जख्म हो गया और मवाद आने लगा। लगभग दो महीने बाद परिजन महिला को प्राइवेट हाॅस्पिटल में ले गए, जहां जांच में पता चला कि महिला की पेट में तौलिया है, इसके बाद दोबारा आॅपरेशन करके महिला की पेट से तौलिया निकाला गया और महिला की जान बची।
परिजनों ने डाॅक्टर्स पर लगाए गंभीर आरोप
मामले में मरीज के परिजनों ने रिम्स के डाॅक्टर्स पर इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
परिजनों ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान यूनिट इंचार्ज डॉ मीना मेहता खुद मौजूद थीं और जूनियर डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे थे।
परिजनों ने कहा कि रिम्स के गायनी विभाग के चिकित्सक ने बिना समझे मरीज को सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया था।
क्या है मामला
मामले में परिजनों ने बताया कि 28 वर्षीया महिला मरीज को रेपचर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के इलाज लिए पांच दिसंबर को रिम्स में भर्ती कराया गया था।
उसी दिन डॉ मीना मेहता की यूनिट में महिला की लेप्रोटोमी सर्जरी हुई थी और पेट में तौलिया छोड़ दिया गया। इसके बाद सर्जरी वाली जगह पर जख्म हो गया और मवाद भी आने लगा। मवाद से बदबू भी आ रही थे।
महीने भर एंटीबायोटिक देते रहे डाॅक्टर
इतना ही नहीं, सर्जरी विभाग के चिकित्सक एक महीने तक मरीज को एंटीबायोटिक देते रहे, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
अंत में परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां जांच के दौरान पता चला कि पेट में ही तौलिया छूटा हुआ है। इसके बाद महिला की दोबारा सर्जरी कर पेट से तौलिया को बाहर निकाला गया।
क्या कहती हैं यूनिट इंचार्ज डाॅ मीना मेहता
इस संबंध में गायनी वार्ड की यूनिट इंचार्ज डाॅ मीना मेहता ने कहा है कि महिला हमारी यूनिट में ही भर्ती थी।
गायनी में ऑपरेशन ऑन कॉल सर्जन को बुलाकर किया जाता है। पता कराया जा रहा है कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है।