नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
नवंबर की शुरूआत में केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी।
इससे प्रेरणा लेते हुए कुछ राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया। सर्वेक्षण में कहा गया है, केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी और बाद में अधिकांश राज्यों द्वारा वैट में कटौती से भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने में मदद मिली है।
पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें आमतौर पर कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी होती हैं।
कच्चे तेल की कीमतें वित्त वर्ष 2022 में शुरू में गिर गई थीं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में बढ़ रही हैं और जनवरी में, 90 डॉलर प्रति बैरल के बहु-वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गईं।
इसमें कहा गया है, डॉलर की एक्सचेंज रेट भी ऊपर की ओर थी और 75 रुपये प्रति अमरीकी डॉलर के आसपास मंडरा रही है, जिसका असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी पड़ रहा है।
देश भर में घरेलू ईंधन की कीमतें नवंबर की शुरूआत से स्थिर हैं