रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का केन्द्रीय बजट मध्यम वर्ग के लोगों पर मंहगाई टैक्स और कर्ज का बोझ तथा मेहनतकश आम आवाम के लिए आंखों में सतरंगी चश्मा पहनाने वाला दस्तावेज है।
झामुमो के केंद्रीय सदस्य सह वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े सरकारी क्षेत्र भारतीय रेल को चार उद्योग समूहों के बीच में ग्रैंड सेल में डिस्काउण्ट पर देने का निर्णय किया है।
अब भारतीय रेल और उसकी बहुमुल्य आधारभूत संरचना एवं भू-खण्ड कौड़ियों के भाव उद्योगपतियों के हाथों का खिलौना बनेगा। आम आवाम उन उद्योगपतियों को अपने पसीने की गाढ़ी कमाई से सीचने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि देश का आर्थिक मेरुदण्ड बैंक और बीमा कंपनियां अब देश में व्यक्तिगत संपत्ति के तौर पर जानी जाएगी।
युवाओं को छल कर उन्हें रोजगार के केवल सपने दिखाना ही बजट का मुख्य अंश है। उन्होंने कहा कि किसानों-महिलाओं को मीठी-मीठी बातों का आश्वासन देना जैसे शहद में विष डाल कर जहर को ही मीठा बना दिया जाता है, वही काम किया गया है।
झारखंड जैसे राज्यों के साथ नाइंसाफी अब लगता है कि संवैधानिक प्रावधान बन गया। उन्होंने कहा कि आज का बजट पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए खाली लिफाफा में सपने भेजे गए हैं और आने वाले दिनों में आम लोगों के लिए डेथ वारंट तैयार कर लिया गया है।