जमशेदपुर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र घाटशिला प्रखंड के उल्दा पंचायत अंतर्गत पुतड़ू गांव की निवासी कमला महतो अपने क्षेत्र में प्रगतिशील महिला के रूप में जानी जाती हैं।
कमला धान की खेती के अलावा सब्जी, दलहन, तेलहन की खेती करती हैं एवं पशुपालन कर आय के सालाना स्रोत को मजबूत की हैं।
यह सब संभव हुआ है कृषि विज्ञान केन्द्र से उचित तकनीकी प्रशिक्षण एवं आत्मा-कृषि विभाग के सतत मार्गदर्शन एवं सहयोग से।
लगाया 100 अमरूद का पौधा
कमला महतो बताती हैं कि उनके पास सात एकड़ जमीन है, जिसमें तीन एकड़ सिंचित जमीन है और चार एकड़ असिंचित है।
एक एकड़ जमीन में सिर्फ अमरूद का बगान है, जिसमें कमला अपने पति के साथ मिलकर 100 अमरूद का पौधा लगाई हैं।
अमरूद के पौधों में कोई रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया है, सिर्फ गोबर खाद और नीम खल्ली, करंज खल्ली दिया जाता है। पूरी तरह आर्गेनिक अमरूद का उत्पादन होता है।
तीन एकड़ जमीन में लौकी
अमरूद के पेड़ में हर साल लगभग 35-36 क्विंटल अमरूद का फल आता है। तीन एकड़ जमीन में लौकी, नेनुआ, ककड़ी, खीरा, भिंडी, टमाटर, फुलगोभी, बंधागोभी, बीन, साग और आलू आदि की खेती की है।
इसके अलावा मुंग एवं सरसों भी लगाया है। सब्जी उत्पादन एवं समेकित कृषि प्रणाली को विस्तार से समझने के लिए कमला महतो ने कृषि विज्ञान केन्द्र दारीसाई से प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
आत्मा के द्वारा लगातार सहयोग एवं कृषि वैज्ञानिक के मार्गदर्शन में कमला खेती-बाड़ी में पारंगत हो गई हैं।
कमला महतो के लिए पशुपालन आय का दूसरा स्रोत
कमला धान एवं सब्जी की खेती के अलावा कुशलतापूर्वक पशुपालन कर अपने आय को मजबूत कर रही हैं। इनके पास 2 गाय, 30 मुर्गी, 10 बत्तख, 6 बकरी और 40 कबूतर है।
कमला खरीफ मौसम में तीन एकड़ जमीन पर हाइब्रिड धान का खेती श्रीविधि के तहत लाईन सोईंग से की है तथा शेष जमीन में मक्का की खेती कर नगद लाभ अर्जित किया है।
कमला महतो दीपशिखा सखी मंडल महिला समिति से जुड़ी हुई है। खेती-बाड़ी के लिए समूह के मासिक बचत से छोटे-छोटे ऋण लेकर खेती कार्य में लगाती हैं।
समय पर ऋण चुकता कर फिर से ऋण लेकर सिर्फ खेती कार्य में पूंजी लगाती हैं जिससे पूंजी की समस्या का समाधान हो गया वहीं इनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ हुई है।
समेकित कृषि प्रणाली को अपना कर कमला महतो व्यावसायिक तौर पर खेती कर सालाना दो लाख से अधिक का कमाई कर रही हैं जो किसी भी साधारण महिला के लिए गर्व और सम्मान की बात है।