गुमला: जिले के चैनपुर अनुमंडल के पूर्व एसडीओ और झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सत्यप्रकाश पर राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है।
अधिकारी के तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। पूर्व एसडीओ पर अपने क्षेत्र में अवैध तरीके से बालू सप्लाई को संरक्षण देने का आरोप लगा था।
इसमें कहा गया था कि वह अवैध धंधे में लगे ट्रैक्टरों से बालू के उठाव के बदले 1500-1500 रुपये की वसूली करते थे।
इसके अलावा तत्कालीन एसडीओ पर बगैर सूचना के मुख्यालय छोड़कर गुमला परिसदन में रहने का आरोप था। गत छह जून 2020 को गुमला के तत्कालीन उपायुक्त ने एसडीओ के खिलाफ राज्य सरकार से कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
उपायुक्त ने अपनी जांच में सबूत के तौर पर ऑडियो प्रस्तुत किया गया था। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कार्मिक विभाग ने तत्कालीन एसडीओ को निलंबि करते हुए विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी थी।
जांच में आरोप प्रमाणित होने के बाद शासन के स्तर से कार्रवाई की गई है।
पूर्व एसडीओ का दावा, तत्कालीन डीसी ने फंसाया
तत्कालीन एसडीओ से दो बार विभाग की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके जवाब में एसडीओ ने कहा था कि मुझ पर लगे आरोप गलत हैं।
तत्कालीन डीसी ने फंसाने की नीयत से कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा था कि विधि व्यवस्था के नाम पर उन्हें क्षेत्र के बाहर भी प्रतिनियुक्त किया जाता था।
इस मामले में मुझसे स्पष्टीकरण नहीं पूछा गया। सीधे कार्रवाई की अनुशंसा की। उन्होंने तत्कालीन डीसी पर भी गंभीर आरोप लगाए।
कहा कि वह बॉक्साइट, बालू, पत्थर माफियाओं को संरक्षण देते थे। इससे सरकार के राजस्व को नुकसान होता था। उन्होंने अपने कार्यकाल में 275 से अधिक मामलों पर कार्रवाई की।