नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद को बताया कि महामारी के दौरान अनाथ हुए 3,855 बच्चों को अब तक ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत पात्र के रूप में मंजूरी दी गई है।
ईरानी ने इसकी जानकारी माकपा सांसद जॉन ब्रिटास द्वारा राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में दी।ब्रिटास ने सवाल किया था कि क्या सरकार या किसी एजेंसी ने कोरोना के कारण अनाथ बच्चों की संख्या तैयार की है।
इसपर ईरानी ने बताया कि योजना के तहत सहायता के लिए प्राप्त कुल 6,624 आवेदनों में से 3,855 को मंजूरी दी गई है।
ईरानी द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 1,158 आवेदन महाराष्ट्र से प्राप्त हुए, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 768, मध्य प्रदेश में 739, तमिलनाडु में 496 और आंध्र प्रदेश में 479 आवेदन आए।
यह पूछने पर कि बच्चों की मदद के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं, मंत्रालय ने कहा कि वह बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना -मिशन वात्सल्य नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रहा है, जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश देखभाल की जरूरत होने और कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को सहायता प्रदान करते हैं।
मंत्रालय ने अपने लिखित बयान में कहा कि योजना के अनुसार, चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में रहने वाले बच्चों के लिए प्रति माह देखभाल और संरक्षण के लिए प्रति माह 2000 रुपये प्रति बच्चा प्रायोजन की मात्रा और 2160 रुपये प्रति बच्चे के रखरखाव अनुदान के प्रावधान के लिए उपलब्ध है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना के कारण कुल 1,42,492 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है।
एनसीपीसीआर के मुताबिक, डेटा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ‘बाल स्वराज पोर्टल-कोविड देखभाल’ पर अपलोड की गई जानकारी पर आधारित था।