रांची: एनआइए (NIA) के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में शुक्रवार को मणि भूषण प्रसाद की गवाही दर्ज की गयी।
उल्लेखनीय है कि नक्सली कुंदन पाहन ने नौ जुलाई 2008 को तमाड़ विधायक सह झारखंड सरकार पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या कर दी थी। वर्ष 2017 में एनआइए ने इस केस को टेक ओवर किया था। एनआइए ने इस मामले में कुंदन पाहन, राजा पीटर, बलराम साहू, शेषनाथ सिंह खेरवार, राधेश्याम बड़ाइक, राजेश संथाल, कृषि दांगिल, जय गणेश लोहरा, अमुष मुंडा और नक्सली राम मोहन सिंह मुंडा को मुख्य आरोपी बनाया था, बाद में एनआइए ने राम मोहन सिंह मुंडा को सरकारी गवाह बना लिया था।
एनआइए ने जेल में बंद पूर्व नक्सली राममोहन सिंह मुंडा का बयान दर्ज कराया था। उसने एनआइए को कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी थी।
विधायक रमेश सिंह मुंडा तमाड़ से जदयू विधायक थे। बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में भी मंत्री रह चुके थे। नौ जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाईस्कूल में खेल समारोह में भाग लेने गए थे।
वे समारोह को संबोधित कर रहे थे। तभी जोनल कमांडर कुंदन पाहन के नेतृत्व में नक्सली स्कूल पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें विधायक की मौत हो गई थी। दो बॉडीगार्ड और एक युवक भी मारा गया।
लेकिन तीसरे बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह बच गया। उसे खरोंच तक नहीं आयी थी। बाद में जांच में साफ हुआ था कि बॉडीगार्ड शेषनाथ हत्या की साजिश में शामिल था।